वाशिंगटन: कश्मीर मसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो बयान दिया है वह अमेरिका के लिए समस्या बन गया है. पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से बयान आया था और अब व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया है कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मसला है. इसलिए ये मुद्दा दोनों देश बातचीत के माध्यम से सुलझा सकते हैं. दरअसल, भारत ने पहले ट्रम्प के बयान पर विरोध जताया जहां विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट करते हुए डोनाल्ड ट्रंप के बयान को सिरे से ख़ारिज कर दिया. अब सूत्रों की मानें तो उसके बाद वाशिंगटन में भी भारतीय अधिकारियों ने व्हाइट हाउस और विदेश मंत्रालय के समक्ष इस मसले को उठाया जिसके बाद व्हाइट हाउस को सफाई देने पर विवश होना पड़ा. व्हाइट हाउस की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों के खिलाफ कुछ एक्शन लिया है, किन्तु उसे अपनी ज़मीन से आतंक को पूरी तरह समाप्त करने की आवश्यकता है. इसी के साथ व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका की हमेशा से नीति रही है कि कश्मीर मसला भारत और पाकिस्तान के बीच का आपसी मुद्दा है. पीएम मोदी को लेकर की गई टिप्पणी पर व्हाइट हाउस ने कहा है कि भारत, अमेरिका का सबसे मजबूत मित्र है, ऐसे में हम हमेशा पीएम नरेंद्र मोदी और भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने को तैयार हैं. यहां स्थापित होगी विश्व की सबसे ऊँची श्री राम प्रतिमा, जानिए इसकी खासियत जब्त होगी विजय माल्या की संपत्ति, भारतीय बैंकों ने ब्रिटिश कोर्ट में ठोंका केस इमरान ने ट्रम्प के सामने फिर अलापा कश्मीर राग, आतंकवाद के नाम पर हो गई बोलती बंद