डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल इमरजेंसी किया घोषित

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर दिया है। यह एक वायरल इंफेक्शन है, जो दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है। पिछले दो वर्षों में यह दूसरी बार हुआ है कि मंकीपॉक्स ने इतनी बड़ी चिंता पैदा की है। आइए जानते हैं मंकीपॉक्स के लक्षण, कारण और किन लोगों को इससे सबसे ज्यादा खतरा है।

एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) क्या है?

मंकीपॉक्स एक वायरल इंफेक्शन है, जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है। यह बीमारी अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दशकों से मौजूद है और हाल ही में इसका फैलाव बढ़ गया है। डब्ल्यूएचओ ने इसे ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया है, क्योंकि इसका एक नया स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है।

एमपॉक्स का खतरा

मंकीपॉक्स जानलेवा हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी इम्युनिटी कमजोर है। बच्चों, गर्भवती महिलाओं और एचआईवी से पीड़ित लोगों को इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा होता है। WHO ने इस वायरस की नई स्ट्रेन की वजह से इसे ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया है, जो पहले कभी नहीं देखा गया था।

एमपॉक्स का फैलाव

एमपॉक्स मुख्य रूप से यौन संपर्क और नज़दीकी शारीरिक संपर्क के माध्यम से फैलता है। हालांकि, यह हवा के माध्यम से फैलने का कोई सबूत नहीं है। हाल के दिनों में इसके नए स्ट्रेन ने चिंता बढ़ा दी है क्योंकि यह लोगों के बीच तेजी से फैल रहा है। दो साल पहले, WHO ने मंकीपॉक्स को आपातकाल घोषित किया था जब 'क्लेड IIb' नामक स्ट्रेन फैलने लगा था, खासकर उन पुरुषों में जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं।

अफ्रीका में स्थिति

मंकीपॉक्स दशकों से अफ्रीका में एक स्वास्थ्य समस्या रही है। पहला मामला 1970 में कांगो में सामने आया था। अब तक 27,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और जनवरी 2023 से 1,100 से अधिक मौतें हुई हैं, जिनमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। कांगो में 'क्लेड I' और 'क्लेड Ib' नामक दो प्रकार फैल रहे हैं।

कांगो से यह बीमारी रवांडा, युगांडा, बुरुंडी और केन्या में फैल चुकी है। हाल ही में स्वीडन ने अफ्रीका के बाहर 'क्लेड Ib' का पहला मामला दर्ज किया है। WHO के प्रवक्ता ने कहा कि यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को दर्शाती है और यात्रा प्रतिबंधों के खिलाफ सलाह देना जारी रखा जाएगा।

वैक्सीनेशन और डब्ल्यूएचओ की अपील

2022 में मंकीपॉक्स से लड़ने के लिए WHO ने 34 मिलियन डॉलर की अपील की थी, लेकिन दानदाताओं से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। अफ्रीकी देशों के पास मंकीपॉक्स के इलाज के लिए जरूरी वैक्सीन की खुराक की कमी है। डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में देशों से खुराक दान करने की अपील की है। अफ्रीका सीडीसी ने भी खुराक सुरक्षित करने की योजना बनाई है, लेकिन वर्तमान में स्टॉक सीमित है। मंकीपॉक्स के प्रकोप में कांगो में मृत्यु दर लगभग 4 प्रतिशत रही है, जबकि 'क्लेड II' जो वैश्विक स्तर पर फैला था, वह कम घातक था। मंकीपॉक्स एक गंभीर स्वास्थ्य संकट है, जिसे रोकने के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है। इसके नए स्ट्रेन की वजह से चिंता बढ़ गई है, और उचित उपायों और वैक्सीनेशन की कमी को जल्द से जल्द पूरा करने की जरूरत है। ध्यान रखना जरूरी है कि किसी भी स्वास्थ्य समस्या के बारे में सही जानकारी रखें और उचित सावधानियां बरतें।

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