वाशिंगटन: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने के लिए 100 से अधिक वैक्सीन प्री-क्लीनिकल ट्रायल पर हैं और उनमें से कुछ का इंसानों पर प्रयोग आरंभ किया गया है। इस बीच शीर्ष हेल्थ एक्सपर्ट ने इस बात को लेकर आगाह किया है कि हो सकता है कि दुनिया में कोरोना का वैक्सीन ही न मिले। दरअसल, ऐसी आशंका इसलिए जाहिर की गई है कि एचआईवी और यहां तक कि डेंगू की भी वैक्सीन कई वर्षों के अध्ययन के बाद भी नहीं मिल पाई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में कोरोना वायरस के विशेष दूत डॉ.डेविड नैबोरो ने कहा कि, 'यहां कुछ वायरस हैं जिनकी कोई दवा है। हम यह नहीं मान कर चल सकते कि दवा आ जाएगी और यदि यह आती है भी है, तो क्या सभी तरह की सुरक्षा और क्षमता के मापदंडों पर खरा उतरती है।' गौरतलब है कि WHO प्रमुख भी कोरोना वायरस को लेकर भयावह भविष्यवाणी करते रहे हैं और अब विशेषज्ञ की इस आशंका ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। सीएएन की रिपोर्ट के अनुसार नैबोरो ने कहा कि, 'सबसे बुरे हालात यह हो सकते हैं कि कभी कोई वैक्सीन ही न हो।' उन्होंने कहा कि लोगों की आशाएं बढ़ रही हैं और फिर खत्म हो रही हैं, क्योंकि आखिरी मुश्किलों से पहले ही कई समाधान नाकाम हो जा रहे हैं। आपको बता दें कि चार दशकों से अब HIV से 3.2 करोड़ लोगों की मौत हो चुकी है, किन्तु विश्व उसकी वैक्सीन नहीं ढूंढ पाया है। फिलिस्तीन का बड़ा फैसला, 30 दिनों के लिए बढ़ाया कोरोना आपातकाल लंदन में किराएदार छात्रों ने किया हड़ताल का ऐलान, लॉकडाउन में नहीं दे पा रहे रेंट इजरायल में किस तरह खोले जाएं मॉल ? वित्त और स्वास्थ्य मंत्रालय में मतभेद