कौन थे कैप्टन वरुण सिंह, जिन्होंने 7 दिनों तक लड़ी जिंदगी और मौत की जंग

चेन्नई: तमिलनाडु में कुन्नूर में 8 दिसंबर को हुए हेलीकाप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य जवानों का निधन हो गया था. इस हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह इकलौते सर्वाइवर बचे थे, जिन्हें घायल अवस्था में वेलिंगटन के मिलिट्री हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था. जिसके बाद हालत नाज़ुक होने के कारण उन्हें बेंगलुरु के कमांड अस्पताल ले जाय गया था, जहां उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था लगभग 7 दिनों तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ने के बाद आज देश के इस वीर पुत्र ने दुनिया को अलविदा कह दिया है.

 

Koo App

भारतीय वायुसेना ने बताया है कि हेलिकॉप्टर क्रैश में घायल हुए इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह वेलिंगटन (नीलगिरी हिल्स) स्थित डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज में डायरेक्टिंग स्टाफ थे. बता दें कि, वर्ष 2020 में एक हवाई इमरजेंसी के दौरान अपने LCA तेजस लड़ाकू विमान को बचाने के लिए वरुण सिंह को शौर्य चक्र से नवाज़ा भी जा चुका है. इस साल के स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति ने उन्हें इस सम्मान से नवाजा था.  वरुण सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की रुद्रपुर तहसील के खोरमा कन्हौली गांव के निवासी थे. DSSC में पदस्थ होने के कारण उनका पूरा परिवार तमिलनाडु में रहता है. 

इंडियन एयरफोर्स ने हादसे के बाद बताया था कि, CDS रावत बुधवार को स्टाफ कोर्स के फैकल्टी और स्टूडेंट्स को संबोधित करने के लिए वेलिंगटन (नीलगिरी हिल्स) स्थित DSSC के दौरे पर जा रहे थे. इसी बीच, दोपहर को एयरफोर्स का Mi17 V5 हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर के पास दुर्घटना का शिकार हो गया, जिसमें CDS और 9 अन्य यात्रियों को ले जा रहे 4 सदस्यों का दल शामिल था. इस दर्दनाक हादसे में अब कोई भी जीवित व्यक्ति नहीं बचा है. भारतीय सैन्य इतिहास के इस सबसे बड़े और दर्दनाक हादसे में देश ने 14 राष्ट्रभक्तों को खो दिया.     

नहीं रहे कैप्टन वरुण सिंह..., हेलीकॉप्टर हादसे में अकेले जीवित बचे थे

दिल्ली के 'अकबर रोड' पर चिपकाया ‘CDS जनरल बिपिन रावत मार्ग’ का पोस्टर, नाम बदलने की मांग

अमेरिकी रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह को किया फोन, CDS रावत और जवानों के बलिदान पर जताया शोक

Related News