कौन हैं मिथिलेश पाल? जिनपर RLD ने उपचुनाव में खेला दांव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की स्थिति लगभग स्पष्ट हो गई है। बीजेपी ने अपनी सूची जारी करने के बाद, अब एनडीए के सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने भी अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। भाजपा ने नौ में से सात सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं, लेकिन कानपुर की सीसामऊ सीट के लिए अभी नाम घोषित नहीं हुआ है। मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट रालोद को दी गई है, जहाँ से रालोद ने मिथिलेश पाल को प्रत्याशी बनाया है। 

मिथिलेश पाल पहले रालोद की विधायक रह चुकी हैं और मोरना सीट से चुनाव जीत चुकी हैं। हालांकि, बाद में रालोद से टिकट न मिलने पर वह समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गई थीं। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले वह सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई थीं।  मिथिलेश पाल की राजनीतिक पृष्ठभूमि में देखा जाए तो 2007 में मोरना सीट से रालोद के कादिर राणा विधायक बने थे, लेकिन बाद में वे बसपा के टिकट पर सांसद बन गए थे। उनके इस्तीफे के बाद मोरना में हुए उपचुनाव में मिथिलेश पाल ने रालोद के टिकट पर जीत हासिल की थी। 

2012 के चुनाव में वह रालोद के टिकट पर मीरापुर सीट से लड़ी थीं और उन्हें 44,000 से अधिक वोट मिले थे। 2016 में हुए उपचुनाव में रालोद ने उन्हें मुजफ्फरनगर सीट से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन 2017 के चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला। इसके बाद वह सपा में शामिल हो गईं। फिर, 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने सपा छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया।

रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे ने उम्मीदवार घोषित होने के बाद कहा कि पार्टी के सभी कार्यकर्ता पहले से चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं और वे पूरी ताकत से एनडीए को सभी नौ सीटों पर जीत दिलाने का प्रयास करेंगे।

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