कौन हैं रामगिरी महाराज? जिन पर महाराष्ट्र में ठोक दिए 67 FIR

नासिक: महाराष्ट्र के नासिक में इस्लाम पर एक बयान देने की वजह से इस्लामी कट्टरपंथी हिन्दू धर्मगुरु रामगिरी महाराज के पीछे पड़े हुए हैं। अब तक उनके खिलाफ 60 से ज्यादा FIR दर्ज की जा चुकी हैं। कुछ जगहों पर उनके खिलाफ ‘सर तन से जुदा’ के नारे भी लगाए जा रहे हैं। महंत रामगिरी के बहाने महाराष्ट्र को मजहबी उन्माद में धकेलने का प्रयास किया जा रहा है। धमकियों के बीच महाराष्ट्र सरकार महंत रामगिरी की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। जान को खतरा होने के बाद भी महंत रामगिरी अपने बयान पर कायम हैं तथा उन्होंने माफी मांगने या अपने शब्द वापस लेने से इनकार कर दिया है। इस बीच, मुस्लिम नेता महाराष्ट्र के माहौल को उबाल रहे हैं।

कौन हैं रामगिरी महाराज, उनका महाराष्ट्र में क्या प्रभाव है? स्वामी रामगिरी महाराज, जो इस्लामी कट्टरपंथियों का निशाना बन रहे हैं, महाराष्ट्र और पूरे देश के मराठी समुदाय के बड़े धर्मगुरु हैं। वह महंत नारायणगिरी के शिष्य हैं तथा सद्गुरु श्री गगनगिरी महाराज संस्थान के प्रमुख हैं, जिसके महाराष्ट्र एवं कोंकण क्षेत्र में लाखों अनुयायी हैं। यह संस्थान महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है। महंत रामगिरी महाराज 2009 से इस संस्थान के प्रमुख हैं, जब उन्होंने महंत नारायणगिरी के समाधिस्थ होने के पश्चात् इसकी जिम्मेदारी संभाली। उनका वरकारी समुदाय में काफी प्रभाव है, जो भक्ति आंदोलन से जुड़ा है। वह बीते डेढ़ दशक से पूरे महाराष्ट्र और देश के विभिन्न हिस्सों में प्रवचन देते आ रहे हैं।

महंत रामगिरी महाराज का संन्यास से पूर्व नाम सुरेश रामकृष्ण राणे है। जानकारों का कहना है कि उन्होंने कक्षा 9 में अध्ययन के चलते सामान्य जीवन से विमुख होकर संत जीवन अपनाया। उन्हें नारायणगिरी महाराज ने दीक्षा दी थी। महंत रामगिरी महाराज गोदावरी नदी के कटान से बने सरला द्वीप पर स्थित आश्रम के प्रमुख हैं, जो अहमदनगर एवं औरंगाबाद जिले की सीमा पर है। इसकी स्थापना गगनगिरी महाराज ने की थी, जो देश के हठयोग के बड़े गुरु माने जाते हैं। यह द्वीप चारों तरफ से नदी से घिरा हुआ है। उनके संस्थान द्वारा हर वर्ष आयोजित होने वाले कार्यक्रम हरिनाम सप्त का आयोजन इस वर्ष नासिक में हुआ, जहां रामगिरी महाराज ने प्रवचन में इस्लाम को लेकर एक उदाहरण दिया, तत्पश्चात विवाद उत्पन्न हुआ।

महंत रामगिरी महाराज ने ऐसा क्या कहा, जिस पर विवाद हुआ? नासिक जिले के सिन्नर तालुका के शाह पंचाले गाँव में 15 अगस्त को महंत रामगिरी महाराज ने बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया। इस के चलते बांग्लादेश से हिंदुओं पर हमले की निरंतर खबरें सामने आ रही थीं। महंत रामगिरी ने अपने प्रवचन में इस्लाम के बहुलता वाले क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा के विषय में बात की तथा पैगम्बर मुहम्मद व कुरान के कुछ उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों के सामने कई गलत उदाहरण हैं, जिसकी वजह से बांग्लादेश एवं अन्य स्थानों पर महिलाओं पर अत्याचार की खबरें आती हैं। महंत रामगिरी ने हिंदू ग्रंथों से भी उदाहरण प्रस्तुत किए। उनके प्रवचन का एक छोटा सा हिस्सा मराठी में काटकर वायरल कर दिया गया, फिर बवाल बढ़ गया।

अपने बयान को लेकर मुस्लिम समाज में नाराजगी पर महंत रामगिरी ने कहा, “मुस्लिम लोगों को नाराज नहीं होना चाहिए। हमने जो कहा, वह सत्य है। जो कहा, वह उनकी किताब में लिखा हुआ है। इसलिए नाराज होने की कोई जरुरत नहीं।” माफी मांगने के सवाल पर उन्होंने कहा, “सबका अपना-अपना सोचना है। हमने जो बता दिया, वो बता दिया। बस।” महंत रामगिरी महाराज के बयान का एक हिस्सा वायरल होने के पश्चात् महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय उनकी गिरफ्तारी की मांग करने लगा। 16 अगस्त 2024 को मुस्लिमों ने महाराष्ट्र में बंद का ऐलान किया, जिसके चलते कई जगह नारेबाजी और प्रदर्शन हुए।

हाल ही में बॉम्बे उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई में बताया गया कि महंत रामगिरी महाराज के खिलाफ 67 FIR दर्ज की गई हैं। यह सभी FIR महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में दर्ज की गई हैं। इसके अतिरिक्त, मुस्लिम समुदाय सड़क पर भी हंगामा कर रहा है। रामगिरी महाराज के बयान को लेकर AIMIM नेता इम्तियाज जलील ने राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास किया। उन्होंने महाराष्ट्र के मुस्लिमों से मुंबई में इकट्ठा होने की अपील की। इस के चलते कई इस्लामी मौलाना और बड़े आंकड़े में मुस्लिम रैली में शामिल हुए। यह भीड़ हाल ही में मुंबई पहुंची, लेकिन राज्य की शिंदे सरकार ने इसे मुंबई की सीमाओं पर रोक दिया। इस भीड़ में कुछ लोग ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाते हुए देखे गए।

महाराष्ट्र की शिंदे सरकार महंत रामगिरी महाराज की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है। अगस्त में हुए प्रदर्शनों के बाद प्रदेश के सीएम एकनाथ शिंदे उनके कार्यक्रम में सम्मिलित हुए थे। उन्होंने कहा था कि संतों को कुछ नहीं होने दिया जाएगा। सीएम शिंदे के अतिरिक्त, महाराष्ट्र में बीजेपी MLA नितेश राणे ने भी महंत रामगिरी महाराज का समर्थन किया तथा उन्हें मारने की धमकी देने वालों को चेतावनी दी। इस्लामी कट्टरपंथियों की धमकियों के बीच महंत रामगिरी महाराज के खिलाफ दर्ज FIR पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है।

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