नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार (25 अगस्त) को दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित संसद द्वारा हाल ही में पारित कानून को चुनौती देने वाली अपनी याचिका में संशोधन करने की अनुमति दे दी है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पेशे से वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों पर ध्यान दिया कि पहले चुनौती अध्यादेश के खिलाफ थी, जो अब संसद से मंजूरी के बाद कानून बन चुका है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका में संशोधन की अनुमति दे दी, क्योंकि केंद्र सरकार ने कहा कि उसे इस पर कोई आपत्ति नहीं है। अदालत ने संशोधित याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र को चार सप्ताह का समय दिया है। बता दें कि, संसद ने हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 को मंजूरी दे दी थी, जिसे दिल्ली सेवा विधेयक के रूप में भी जाना जाता है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में नौकरशाहों की पोस्टिंग और स्थानांतरण पर केंद्र के प्रस्तावित कानून का मार्ग प्रशस्त हो गया है। हालाँकि, संसद में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस विधेयक को पारित होने से रोकने के लिए तमाम कोशिशें की थीं। लेकिन, तमाम हंगामे के बावजूद केंद्र सरकार यह बिल पारित करने में सफल रही। अब संसद में पारित हुए इस कानून को केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इससे पहले, सेवाओं पर अध्यादेश को चुनौती पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को सौंपी गई थी। कैसी दिखती है चंद्रमा की सतह ? चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर से सामने आया पहला Video सीएम सोरेन पर ऐसा क्या कह गए बाबूलाल मरांडी ? JMM नेता सोनू तिर्की ने दर्ज करा दी FIR आज कारगिल में भाषण देंगे राहुल गांधी, लेकिन पहले जान लें कि 'कारगिल युद्ध के शहीदों' पर क्या था कांग्रेस का रवैया ?