कौन है असली शिवसेना? महाराष्ट्र की 49 सीटें करेंगी फैसला, जहाँ उद्धव-शिंदे की सीधी टक्कर

मुंबई: महाराष्ट्र में इस बार महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच चुनावी मुकाबला काफी रोचक होने की उम्मीद है। दोनों गुटों के नेता चुनाव प्रचार के दौरान एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं। इस चुनाव का एक विशेष पहलू यह है कि शिवसेना और एनसीपी के बीच दो धड़े बन गए हैं, जिसके चलते राज्य की राजनीति में पहली बार इन धड़ों का आपसी मुकाबला हो रहा है। शिवसेना (यूबीटी) और शिंदे की शिवसेना दोनों इस चुनाव में अपनी ताकत साबित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहतीं।

दोनों शिवसेना के धड़े 49 सीटों पर आमने-सामने हैं, जिनमें से 19 सीटें मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में हैं। इनमें से 12 सीटें मुंबई शहर की हैं, जबकि अन्य सीटें मराठवाड़ा, कोंकण, विदर्भ, उत्तर महाराष्ट्र, और पश्चिमी महाराष्ट्र में फैली हुई हैं। शिवसेना में फूट जून 2022 में पड़ी थी, जिसके बाद एकनाथ शिंदे अपने सहयोगियों के साथ एनडीए में शामिल हो गए और मुख्यमंत्री बन गए, जबकि उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी का हिस्सा बन गए हैं और कांग्रेस तथा एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि उद्धव ठाकरे के लिए यह चुनाव एक लिटमस टेस्ट साबित होगा। वह न केवल अपने पिता बालासाहेब ठाकरे की विरासत का दावा कर रहे हैं, बल्कि एकनाथ शिंदे भी यह कहते हैं कि वे उसी वैचारिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। शिंदे का आरोप है कि उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के साथ जाकर बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है, जबकि उन्होंने कहा था कि वह कभी कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे। एकनाथ शिंदे के सामने इस चुनाव में एक महत्वपूर्ण चुनौती है, जो महायुती की सरकार बनाने के साथ-साथ अपनी पार्टी के जनाधार को बढ़ाने की भी है।

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