बीजिंग: चीन के खिलाफ जांच की मांग को लेकर लगभग दुनिया के सभी देश एक साथ आ गए हैं. इनमें वो देश भी शामिल हैं जो अभी तक चुप्पी साधे हुए थे. लेकिन अब वो भी ड्रैगन के खिलाफ खड़े हो गए हैं. दुनिया भर के देशों की इसी सोच को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन (WHO) की वर्ल्ड हेल्थ एसेंबली (WHA) की भी मजबूरन एक प्रस्ताव पारित करना पड़ा है. इस प्रस्ताव के तहत कोरोना कि हकीकत जानने के लिए चीन के खिलाफ एक स्वतंत्र जांच को अनुमति दी गई है. दुनिया के कई देश हैं जो विश्वभर में फैली इस महामारी के लिए चीन को ही कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. किन्तु इनमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान खुलकर कोरोना के लिए चीन पर हमलावर हैं. ट्रंप खुद कई दफा इसे चीनी वायरस बता चुके हैं. साथ ही अमेरिका पुरज़ोर तरीके से ये आवाज़ उठा रहा है कि चीन और वुहान प्रयोगशाला की जांच होनी चाहिए. ऑस्ट्रेलिया और जापान भी ये मांग कई दफा दोहरा चुके हैं. हालांकि अभी तक यूरोपियन यूनियन इस मसले पर चुप्पी साधे हुए था. वो इसलिए क्योंकि यूरोपियन यूनियन अपनी औद्योगिक मामलों के लिए बहुत हद तक चीन पर निर्भर है. लेकिन अब जब डब्लूएचओ की वर्ल्ड हेल्थ एसेंबली (WHA) ने वायरस कि उत्पत्ति का पता लगाने के लिए स्वतंत्र जांच का एक प्रस्ताव पास किया है तो अब यूरोपियन यूनियन भी उसके समर्थन में उतर आया है . क्या लॉकडाउन की वजह से बदल जाएगी दुनिया ? जानें इस के पाक मौके पर म्यांमार के राष्ट्रपति ने 700 से अधिक कैदियों को दिया क्षमादान मैडिंगली में मोटरसाइकिल सवार हुआ मौत का शिकार