लखनऊ: भारत में कोरोना संक्रमण के फैलते कहर के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने योगी सरकार के डोर-टू-डोर कैम्पेन की प्रशंसा अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर की है। 7 मई को प्रकाशित किए गए एक लेख में WHO ने बताया है कि किस तरह योगी सरकार ने महामारी के समय में जरुरी कदम उठाते हुए उन्हें जमीनी स्तर पर लागू किया। लेख में कहा गया कि योगी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में COVID-19 को देखते हुए हाउस टू हाउस एक्टिव केस फाइंडिंग शुरू की है। इस प्रक्रिया में उन्हें आइसोलेट किया गया, जिनमें कोरोना के लक्षण थे। WHO ने कहा कि योगी सरकार ने 1,41,610 टीमों को इस कार्य में लगाया है। इन टीमों में राज्य स्वास्थ्य विभाग से 21,242 सुपरवाइजर हैं, जिनका कार्य ये सुनिश्चित करना है कि अभियान में कोई ग्रामीण क्षेत्र न छूटे। 5 मई से इस अभियान का आगाज़ ग्रामीण इलाकों में किया गया। ग्रामीणों के रैपिड टेस्ट किए गए और संक्रमित पाए जाने पर मेडिसिन किट देकर सलाह दी गई कि वह किस तरह कोरोना से लड़ सकते हैं। इसके साथ ही जो लोग पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आए, सबका टेस्ट किया गया। WHO ने बताया है कि वह उत्तर प्रदेश सरकार को प्रशिक्षण और माइक्रो प्लॉनिंग में मदद कर रहा है। इसके अतिरिक्त उनके फील्ड ऑफिसर भी ग्राउंड पर रहकर स्थिति की निगरानी कर रहे है। साथ ही सरकार को रियल टाइम फीडबैक भी दे रहे हैं ताकि गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए फ़ौरन सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें। 'रेत में सिर डालने को सकारात्मकता नहीं कहते...', मोदी सरकार पर राहुल का सीधा वार इसराइल ने तेल अवीव के पास इमरजेंसी का किया एलान, जानिए क्या है पूरा मामला कोरोना से गाँव कराह रहे, लेकिन मन की बात करने में लगे हुए PM - प्रियंका वाड्रा