विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बीते बुधवार को बच्चों के लिए दुनिया के पहले मलेरिया टीके के व्यापक इस्तेमाल की सिफारिश की। वहीं संगठन ने इसे विज्ञान, बाल स्वास्थ्य और मलेरिया नियंत्रण के लिए एक सफलता बताया है। मिली जानकारी के तहत RTS, S/AS01 मलेरिया वैक्सीन की सिफारिश घाना, केन्या और मलावी में चल रहे एक पायलट कार्यक्रम के नतीजों पर आधारित है, जिसकी साल 2019 में शुरुआत हुई थी। आप सभी जानते ही होंगे कि मलेरिया से हर दो मिनट में दुनिया में एक बच्चे की जान चली जाती है। ऐसे में मलेरिया के टीके की सिफारिशों पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा, 'मलेरिया को रोकने के लिए मौजूदा उपकरणों के अलावा टीके का इस्तेमाल करके हर साल दस हजार युवाओं की जान बचाई जा सकती है।' इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा, ''यह एक शक्तिशाली नया टूल है। लेकिन कोरोना वैक्सीन की तरह, यह एकमात्र टूल नहीं है। मलेरिया के खिलाफ टीकाकरण बेडनेट या बुखार की देखभाल सहित अन्य उपायों की जरूरतों को प्रतिस्थापित या कम नहीं करता है।'' आगे उन्होंने यह भी कहा, 'वह इस दिन का इंतजार कर रहे थे जब मलेरिया जोकि प्राचीन और भयानक बीमारी है, उसका टीका होगा और आज वह दिन है। आज का दिन ऐतिहासिक है।' आप सभी जानते ही होंगे कि मलेरिया संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। जी दरअसल मच्छर जनित रोग बुखार, ठंड लगना और फ्लू जैसी बीमारी का कारण बनता है। ऐसे में अगर मरीज को जल्द इलाज नहीं मिलता है तो बीमारी और फैल सकती है और शख्स की जान तक जा सकती है। WHO कोवैक्सिन मंजूरी में हुई देरी WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम को जर्मनी और फ्रांस द्वारा दूसरे कार्यकाल के लिए किया गया नॉमिनेट बतासिंगाराम के नए बाजार में समुचित सुविधाओं का अभाव : थोक व्यापारी