एक नहीं दो नहीं बल्कि पांच ग्रैमी अवॉर्ड जीतकर इतिहास रचने वाले कौन थे जाकिर हुसैन

दुनियाभर के कोने कोने में आपको कई तरह के तबला वादक मिल जाएंगे, लेकिन जो बात पुराने तबला वादक की है वो आज के न्यू कमर में कहा देखने के लिए मिलती है, अपने इस हुनर से लोगों के दिलों पर राज करने वाले तबला वादक ज़ाकिर हुसैन ने कल अपनी अंतिम सांस ली, उनका 73 वर्ष की आयु में देहांत हो गया, बीते कई दिनों से अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के हॉस्पिटल में उनका उपचार चल रहा था, लेकिन लम्बी बीमारी के चलते उन्होंने दम तोड़ दिया. कल तक तो ये खबर किसी के सामने नहीं आई थी लेकिन देर शाम उनके परिवार ने उनकी मौत की पुष्टि कर दी है. उनके परिवार वालों का कहना है कि उनकी मौत इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस के कारण से हुई है. तो चलिए जानते है ज़ाकिर हुसैन की लाइफ के बारें में कुछ खास बातें...  

जाकिर हुसैन कौन थे?: 9 मार्च 1951 को उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म मुंबई में हुआ था, केवल जाकिर ही नहीं बल्कि उनके पिता भी उस समय के मशहूर तबला वादक थे. खबरों का कहना है कि  जाकिर हुसैन ने महज 3 वर्ष की आयु में ही अपने पिता से मृदंग बजाना सीख लिया था, वहीं जब वह 12 वर्ष के हुए तो वो स्टेज पर परफॉर्म करने लग गए. शुरूआती दिनों में तो जाकिर बर्तनों में से ही अलग अलग धुन निकाला करते थे, ऐसा कहा जाता है कि मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का पहले परफॉर्मेंस अमेरिका में हुआ था जिसके लिए उन्हें मात्र 5 रूपए ही मिले थे. कुछ समय के बाद खुद जाकिर हुसैन ने ने एक साक्षत्कार में बोला था कि मैंने जिंदगी में खूब दौलत कमाई लेकिन वो 5 रुपये मेरे लिए सबसे ज्यादा कीमती रहेंगे. इतना ही नहीं जाकिर हुसैन ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से संगीत में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की थी, और प्रत्येक वर्ष वह 150 के लगभग संगीत के कार्यक्रम भी किया करते थे. उन्हें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए वाइट हाउस में निमंत्रण दिया था.

केवल तबला वादक ही नहीं बल्कि एक्टर भी थे जाकिर हुसैन:  इस बारें में शायद ही बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि जाकिर हुसैन को संगीत के साथ साथ एक्टिंग का भी बहुत शौक था, इतना ही नहीं उन्होंने अपने पूरे करियर में लगभग 12 फ़िल्में की. जानकारी है कि वह वर्ष 1997 में फिल्म साज में शबाना आजमी के साथ दिखाई दिए थे. इसके बाद उन्होंने 'हीट एंड डस्ट' और  ‘द परफेक्ट मर्डर’ में अपने अभिनय से लोगों का दिल जीता था, वहीं वर्ष 1973 में उन्होंने अपना फर्स्ट एल्बम 'लिविंग इन द मैटेरिल वर्ल्ड' रिलीज किया था, जाकिर हुसैन आइकॉनिक पॉप बैंड द बीटल्स के साथ भी कोलैबोरेट नजर आए थे, इतना ही नहीं वर्ष 1971 में उन्होंने अमेरिकी साइकेडेलिक बैंड शांति के साथ रिकॉर्डिंग भी पूरी की थी, इसके बाद उन्होंने 1975 में जॉन मैकलॉघलिन, एल शंकर, टीएच 'विक्कू' विनायकम और आर. राघवन के साथ बैंड शक्ति में अपने काम से लोगों का दिल जीता था. 

एक नहीं दो नहीं बल्कि पांच ग्रैमी अवॉर्ड जीतकर रचा इतिहास: वर्ष 1988 को जाकिर हुसैन को  पद्म श्री, वर्ष 2002 में पद्म भूषण और वर्ष 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया, वहीं वर्ष 1992 में उन्होंने अपना पहला ग्रैमी अवार्ड जीता था. वर्ष 2009 ने उन्होंने दूसरा ग्रैमी उसके बाद वर्ष 2024  66वें ग्रैमी अवार्ड्स में एक ही रात में तीन ट्रॉफी अपने नाम करके इतिहास भी रच डाला था. अब बात की जाए उनकी कमाई के बारें में तो कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि जाकिर एक परफॉरमेंस के लिए लगभग 5 से 10 लाख चार्ज करते थे वहीं उनकी ऑल ओवर नेट वर्थ 9 करोड़ के आस पास बताई गई थी. 

 

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