वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार का समापन हो चुका है, और 5 नवंबर को मतदान के साथ देश को उसका नया कमांडर-इन-चीफ मिलेगा। यह चुनाव अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण और रोमांचक रहा है। पहली बार अमेरिकी इतिहास में कमला हैरिस के रूप में देश को एक महिला राष्ट्रपति मिलने की संभावना है। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप, जो तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं, जीतकर इतिहास रच सकते हैं, क्योंकि इससे पहले कोई भी नेता तीन बार चुनाव लड़कर दो बार जीत हासिल नहीं कर पाया है। अमेरिका में मंगलवार शाम से मतदान शुरू होगा, और लगभग 50% मतदाता पहले ही अर्ली वोटिंग के जरिए अपने मत डाल चुके हैं। चुनावी दौड़ में दोनों उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन विजेता बनता है। कमला हैरिस को चुनाव की बागडोर तब मिली जब राष्ट्रपति जो बाइडेन ने स्वास्थ्य कारणों से चुनाव से हटने का निर्णय लिया। हैरिस के अभियान ने महिला सशक्तिकरण और विविधता के प्रतीक के रूप में जनता का समर्थन जुटाया। अगर वह जीतती हैं, तो यह अमेरिका के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा। डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी यात्रा भी कम रोमांचक नहीं रही। दो बार जानलेवा हमलों के बावजूद उन्होंने अपनी चुनावी दौड़ जारी रखी। अगर वह इस बार भी जीतते हैं, तो वह तीन बार चुनाव लड़कर दो बार राष्ट्रपति बनने वाले पहले नेता होंगे। यह चुनाव किसी क्रिकेट मैच के आखिरी ओवर की तरह है, जिसमें परिणाम की भविष्यवाणी करना मुश्किल है। सभी सर्वेक्षणों में दोनों उम्मीदवारों के बीच बेहद करीबी मुकाबला दिख रहा है, और मतदाताओं के साथ-साथ राजनीतिक विश्लेषक भी यह जानने को उत्सुक हैं कि बाजी कौन मारेगा। चुनावी सफर में कई अप्रत्याशित घटनाएं हुईं, जैसे बाइडेन का चुनाव से हटना और हैरिस का आगे आना। दोनों उम्मीदवारों ने जनता का समर्थन पाने के लिए विभिन्न मुद्दों पर जोर दिया और नए-नए तरीके अपनाए। इस चुनाव के परिणाम अमेरिका की नीतियों और अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगे। अगर हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं, तो उनके सामने आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना होगा। वहीं, अगर ट्रंप जीतते हैं, तो उन्हें भी नई रणनीतियों के साथ आगे बढ़ना होगा। दोनों ही पक्षों के समर्थकों में उत्साह और प्रत्याशा चरम पर है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि यह रोमांचक चुनावी सफर कौन जीतकर समाप्त करता है। अमेरिकी चुनाव का यह सफर एक ऐतिहासिक नतीजे की ओर बढ़ रहा है। चाहे कमला हैरिस हों या डोनाल्ड ट्रंप, दोनों की कहानियां संघर्ष और साहस से भरी हैं। बस कुछ ही समय में यह पता चल जाएगा कि किसने इस चुनावी दौड़ में बाजी मारी। हमेशा सरकार के खिलाफ फैसला सुनाएंगे, तभी न्यायपालिका को आज़ाद मानोगे ? CJI चंद्रचूड़ यूपी के मदरसा कानून पर आज आएगा 'सुप्रीम' फैसला, जानिए क्या है विवाद? 'कांग्रेस ने हमेशा संविधान की धज्जियां उड़ाई', नितिन गडकरी का बड़ा बयान