क्यों यूपी के 10 लाख विद्यार्थियों ने छोड़ी परीक्षा ?

लखनऊ:  उत्तरप्रदेश सरकार के नए शैक्षणिक नियमों और कार्यवाहियों के तहत प्रदेश के 10 लाख विद्यार्थियों ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं छोड़ दी है. इसकी जानकारी उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शनिवार को दी.उन्होंने कहा कि, नई सरकार के गठन के बाद नकल विहीन परीक्षा कराने का भारी दबाव था और सरकार उसमें सफल रही है, उनके अनुसार इसी डर के कारण विद्यार्थियों ने परीक्षा से हटने का फैसला लिया होगा. 

लाल बहादुर शास्त्री भवन में पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, पहले की सरकारों में परीक्षाओं में नकल माफियाओं का पूरी तरह से कब्जा हो गया था. लेकिन नई सरकार माफियाओं पर नकेल कसने में कामयाब रही अगले वर्ष और बेहतर तरीके से परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा. शर्मा ने कहा कि, गत सरकार के समय बोर्ड परीक्षाएं ढाई महीने तक चलती थी, लेकिन योगी सरकार के आने के बाद हमने इन परीक्षाओं को 15 दिन के भीतर ख़त्म कि योजना बनाई है. 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना के अनुरूप ही नए शैक्षणीक नियम बनाये गए हैं, जिसके चलते प्रदेश सरकार ने अगले शैक्षणिक सत्र से उप्र में एनसीईआरटी की पुस्तकों को लागू करने का फैसला किया है, इससे विद्यार्थियों को काफी लाभ मिलने की संभावना है. अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए शर्मा ने कहा कि, अखिलेश जिस तरह बजट की आलोचना कर रहे हैं, पहले उनसे पूछना चाहिए कि, उन्होंने प्रदेश के युवाओं के लिए क्या किया.

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