नई जनरेशन की तकनीक के बाद भी क्यों समझ नहीं आती गलतियां

आपने अक्सर सुना होगा कि हर पीढ़ी का मानना होता है कि वे अपने से पिछली पीढ़ी से ज्यादा स्मार्ट हैं और आने वाली पीढ़ी से कहीं ज्यादा समझदार। यह धारणा बहुत पुरानी है और शायद मानव स्वभाव का हिस्सा भी। जैसे-जैसे समय बदलता है, नई तकनीकें, ज्ञान और अनुभव जुड़ते जाते हैं। इसके कारण हर नई पीढ़ी के पास नई जानकारी और आधुनिक दृष्टिकोण होते हैं, जो पहले की पीढ़ी से अलग और नए तरीके से सोचने का तरीका सिखाते हैं।

पीढ़ियों के बीच के मतभेद क्यों?

हर पीढ़ी का समय, सोच और जीवन शैली अलग होती है। जिस तरह आज की यंग जेनरेशन डिजिटल युग में बड़ी हो रही है, जहां इंटरनेट, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं, उसी तरह पुरानी पीढ़ी की अपनी अलग प्राथमिकताएं और जीवन के अनुभव थे। नई तकनीकें और जानकारी आज के युवाओं के पास इतनी तेजी से आती हैं कि वे खुद को ज्यादा जागरूक और जानकार मानते हैं।

लेकिन जब बड़ी पीढ़ी अपनी समझदारी की बात करती है, तो वे अपने अनुभव और देखे हुए दौर पर गर्व करती है। उन्हें लगता है कि जिंदगी को करीब से समझने और उसे चुनौतीपूर्ण समय में देखने का अनुभव उन्हें ज्यादा समझदार बनाता है।

पीढ़ियों में ज्ञान का फर्क

नई पीढ़ी को ज्यादातर आधुनिक टेक्नोलॉजी और नए विचारों की जानकारी होती है, जिससे वे बदलती दुनिया को तेजी से अपनाने में सक्षम होती है। वहीं पुरानी पीढ़ी जीवन के उन अनुभवों का गहरा ज्ञान रखती है, जिनमें धैर्य, संघर्ष और मूल्यों की बातें शामिल होती हैं। इस कारण नई और पुरानी पीढ़ी का ज्ञान और समझ भले ही अलग हो, लेकिन दोनों की अपनी खास अहमियत होती है।

अलग सोच, लेकिन एक ही उद्देश्य

हालांकि दोनों पीढ़ियों के बीच दृष्टिकोण में फर्क होता है, लेकिन अंततः दोनों का उद्देश्य वही है - जीवन को बेहतर बनाना। पुरानी पीढ़ी ने जो सीखा, उसे वे अपने अनुभव के साथ अगली पीढ़ी को देना चाहती है, ताकि उनकी गलतियों को दोहराया न जाए। वहीं, नई पीढ़ी का उद्देश्य होता है नई सोच के साथ जीवन को एक नई दिशा देना, जहां तकनीकी विकास और आधुनिकता के साथ आगे बढ़ा जा सके।

समझ का आदान-प्रदान: मिलकर आगे बढ़ना

अक्सर, यदि दोनों पीढ़ियां एक-दूसरे के नजरिए को समझने की कोशिश करें, तो एक-दूसरे से बहुत कुछ सीख सकती हैं। नई पीढ़ी से पुरानी चीजों का सम्मान, धैर्य और सजीव जीवन का महत्व सीखा जा सकता है। वहीं, नई पीढ़ी से पुरानी पीढ़ी तकनीकी ज्ञान और नई सोच को समझने का अवसर प्राप्त कर सकती है।

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