अराधना करते समय आखिर क्यों जलाई जाती है अगरबत्ती?

हिन्दू धर्म में अस्था को बहुत मान्यता प्राप्त है आस्था ही मानव जीवन में सुख व शांति स्थापित करने का एकमात्र तरीका है। इतना ही नहीं आस्था सकारात्मक ऊर्जा का प्रमुख बिन्दू माना गया हैं। घर में जहां निरंतर पूजा पाठ होती है उस घर मे सदैव सकारात्मक ऊर्जा विद्यमान रहती है। ऐसे ही घर में दिया और अगरबत्ती का विशेष महत्व होता है। इन्हे अगर घर में रोजाना लगाया जाये तो नकारात्मक ऊर्जा का अंश भी नहीं बचेगा और साथ ही हर जगह सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा। आज हम आपसे कुछ ऐसे ही विषय पर चर्चा करने वाले है जो आपके और आपके परिवार के लिए लाभदायक होते हैं। पूजा में अगरबत्ती जलाने के पीछे कुछ कारण हैं। आइए जानते हैं उन कारणों के बारे में। 

अगरबत्ती से जो धुंए के छल्ले निकलते हैं वह हमारी पूजा को सीधे भगवान के पास ले जाते हैं। यह आपके विचार को सुंदर और पवित्र रखते हैं। अगरबत्ती का धुआं घर से निगेटिव एनर्जी का खात्मा करता है।इसके धुएं से वातावरण शुद्ध और पवित्र हो जाता है। इसलिए कुछ घरों में तो सुबह-शाम भगवान के घर के सामने अगरबत्ती जलाई जाती है। इसे जलाने से हमारे मन की आंतरिक शक्ति बढ़ती है। यह हमें और जागरुक बनाता है। अगरबत्ती का धुआं बैक्टीरिया का भी नाश करता है,इसी वजह से अगरबत्ती का प्रयोग अक्सर अस्पतालों में भी होता है।  

अगरबत्ती के पूरे जलने पर वातावरण में अच्छी खुशबू फैलती है और राख पीछे छूट जाती है। यह एक हिन्दू प्रथा है जो इंसान के स्वभाव को दर्शाता है। यह इंसान को दूसरों के लिए कुर्बानी देना सिखाता है। इसलिए हम धार्मिक समारोह में अगरबत्ती जलाते हैं। अगरबत्ती न केवल घर को सुगंधित करती है अपितु यह आपको कई प्रकार के रोगों से बचाकर आपके अंदर सकारात्मक उर्जा का प्रभाव भी करती है। इससे घर के सभी लोगों का मूड भी अच्छा रहता है। लेकिन एक बात का जरूर ध्यान रखें कि अधिक अगरबत्ती को नहीं जलाना चाहिए। इससे सांस संबंधी रोग हो सकता है।

 

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