नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना के दफ्तर ने सीएम अरविंद केजरीवाल की जगह मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के कर्मचारियों द्वारा हस्ताक्षरित 47 फाइल वापस लौटा दी हैं। सूत्रों ने शनिवार को इस संबंध में जानकारी दी है। LG ऑफिस के इस कदम से राष्ट्रीय राजधानी में दो संवैधानिक प्राधिकारों के बीच टकराव बढ़ने की संभावना है। यह घटनाक्रम उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा केजरीवाल को पत्र लिखे जाने के करीब एक हफ्ते बाद सामने आया है, जिसमें कहा गया था कि CMO बिना सीएम केजरीवाल के दस्तखत वाली फाइल एलजी सचिवालय को राय और स्वीकृति के लिए भेज रहा है। LG ऑफिस के सूत्रों ने कहा कि उपराज्यपाल सचिवालय द्वारा लौटाई गई विभिन्न फाइल में शिक्षा विभाग और वक्फ बोर्ड सहित अन्य विभागों से संबंधित फाइल शामिल हैं। सूत्रों ने दावा करते हुए कहा है कि उपराज्यपाल द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बावजूद CMO ने सीएम केजरीवाल के बिना हस्ताक्षर वाली फाइल भेजना जारी रखा है। बता दें कि, दिल्ली में शराब घोटाले को लेकर पहले ही LG और AAP सरकार में टकराव जारी है और उपराज्यपाल के आदेश के बाद ही प्रदेश के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में CBI ने केस दर्ज कर सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाया है। जिसके बाद दिल्ली में सियासी घमासान शुरू हो गया है। वहीं, केजरीवाल द्वारा फाइलों पर दस्तखत न करने को लेकर कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि, सीएम केजरीवाल कुछ भी चीज़ खुद पर नहीं लेना चाहते हैं, क्योंकि यदि कल को किसी भी मामले में घोटाला निकलता है तो फाइलों पर उनके दस्तखत न होने का दावा करके वे खुद का बचाव कर सकते हैं। फर्जी यूनिवर्सिटीज को केजरीवाल सरकार ने क्यों दी मान्यता ? कहीं नया घोटाला तो नहीं भागा-भागा फिर रहा माफिया मुख़्तार अंसारी का विधायक बेटा, कोर्ट ने अब्बास को घोषित किया 'भगोड़ा' भूपेंद्र चौधरी को यूपी भाजपा का अध्यक्ष बनाए पर राकेश टिकैत ने दिया ऐसा रिएक्शन