आखिर क्यों राकेश टिकैत ने खुद को दी 'काला पानी' की सजा?

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में रविवार को अन्नदाताओं की एक बड़ी महापंचायत होने जा रही है। जीआईसी ग्राउंड पर होने वाली इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत भी सम्मिलित होंगे। वो मुजफ्फरनगर के लिए निकल पड़े हैं, मगर उनका कहना है कि वो यहां की भूमि पर कदम भी नहीं रखेंगे। 

टिकैत मुजफ्फरनगर के ही रहवासी हैं तथा जब से किसान आंदोलन आरम्भ हुआ है, तब से उन्होंने यहां कदम नहीं रखा है। टिकैत ने बताया, 'जब से आंदोलन आरम्भ हुआ है तब से मैं पहली बार मुजफ्फरनगर जा रहा हूं तथा वो भी गलियारे से जाऊंगा। वहां की भुमि पर कदम भी नहीं रखूंगा तथा अपने घर की ओर देख लूंगा, वहां के लोगों को देख लूंगा।' उन्होंने कहा, 'इसे आप जो भी समझे मगर जब तक कानून वापसी नहीं तब तक घर वापसी नहीं। जो व्यक्ति स्वतंत्रता की लड़ाई के लिए लड़े, उन्हें काला पानी की सजा हुई तो वो कभी घर गए ही नहीं गए। ये भी एक ढंग का काला कानून है तथा जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक घर नहीं जाएंगे।'

उन्होंने कहा, 'गांव, समाज तथा संयुक्त मोर्चा ने मुझे सिर्फ इतनी ही अनुमति दी है कि जब तक कानून वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं। हम मुजफ्फरनगर नहीं जा सकते। हम केवल गलियारे से जाएंगे तथा हाईवे से लेकर मंच तक ही जाएंगे तथा वहीं से वापस आ जाएंगे।' उन्होंने कहा, पूरा शहर जाम हो गया है। वहां बेहद भीड़ है। 10 से 12 किमी तक जनता है। उन्होंने बताया कि 'जहां से मार्ग जाम होगा वहां से मोटरसाइकिल पर जाएंगे मगर मंच तक पहुंचेंगे अवश्य।'

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