नई दिल्ली: SARS-CoV-2 के नए वेरिएंट B.1.1529 की खबरें जब मीडिया में आईं, तो कई विशेषज्ञों को उम्मीद थी कि विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) इसे ‘Nu’ वेरिएंट नाम देगा. बता दें कि WHO ग्रीक वर्णमाला के जरिए कोरोना वायरस के वेरिएंट का नामकरण करता रहा है, ऐसे में अगला मौजूद लैटर ‘NU’ था, मगर शुक्रवार को WHO के पैनल की बैठक के बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना में पाए जाने वाले नए स्ट्रेन को ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ बताते हुए इसका नाम ‘ओमीक्रॉन’ रखा. कोरोना के नए वेरिएंट का नाम रखते हुए WHO ने दो अक्षरों Nu और Xi को छोड़ दिया. मगर ऐसा क्यों? इस बात को लेकर कारण स्पष्ट नहीं है. हालांकि हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन के प्रोफेसर एपिडेमियोलॉजिस्ट मार्टिन कुलडॉर्फ ने इसके पीछे एक संभावित वजह के बारे में बताया है. ट्विटर पर उन्होंने बताया है कि WHO ने वर्णमाला को छोड़ते हुए नए वेरिएंट का नाम ‘ओमीक्रॉन’ इसलिए रखा, ताकि कोरोना वायरस के किसी वेरिएंट को ‘XI’ (शी) न बोला जा सके. दरअसल, पूरे विश्व के लिए यह अजीब स्थिति हो सकती थी, अगर नए कोरोना वायरस वेरिएंट का नाम Xi रख दिया होता, क्योंकि ये नाम, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से जुड़ता. वो भी ऐसे समय में जब पूरी दुनिया मूल वायरस की उत्पत्ति के लिए चीन को दोषी मान रही है. हालांकि इस बीच वेरिएंट का नाम Nu भी नहीं रखा गया. ग्रीक वर्णमाला की एक तस्वीर के साथ मार्टिन कुलडॉर्फ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इसके Nu वेरिएंट कहे जाने की खबरें थी, किन्तु WHO ने इसे ‘ओमीक्रॉन’ कहा, क्योंकि वो Xi से बचना चाह रहे थे. NIT Trichy ने इन पदों के लिए जारी किए आवेदन, जानिए क्या है आवेदन की अंतिम तिथि सीनियर महिला राष्ट्रीय फुटबॉल चैम्पियनशिप केरल में शुरू होगी पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर आज भी राहत, जानिए आज का भाव