वृंदावन के कथावाचक आचार्य कौशिक ने आखिर क्यों हिंदूओं से मांगी माफी?

वृंदावन: वृंदावन के एक प्रसिद्ध कथावाचक, आचार्य कौशिक ने हाल ही में हिंदू समाज एवं संत समाज से भावुक होकर माफी मांगी है। सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे रेल की पटरियों के बीच बैठकर शिवलिंग का अभिषेक करते दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो में गंदी पटरियों के बीच शिवलिंग का जलाभिषेक करने पर कुछ लोगों ने आपत्ति व्यक्त की तथा सोशल मीडिया पर आचार्य कौशिक के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की।

वीडियो के वायरल होने के पश्चात्, आचार्य कौशिक ने अपनी इस कार्रवाई पर खेद जताते हुए माफी मांगी। उन्होंने कहा कि यह सब उन्होंने एक भावनात्मक स्थिति में किया था। आचार्य कौशिक ने बताया कि वे स्वयं शिवभक्त हैं तथा जब तक महादेव का अभिषेक नहीं कर लेते, अन्न ग्रहण नहीं करते। उनका यह भी कहना है कि उन्हें वृंदावन धाम छोड़ने की धमकी दी जा रही है। आचार्य कौशिक का आरोप है कि कुछ लोग उनसे वृंदावन छोड़ने को कह रहे हैं। इस सिलसिले में, उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए इसे भावनात्मक प्रतिक्रिया बताया तथा सभी भक्तों व ब्रज के संतों से क्षमा मांगी है। माबली स्थित तुलसी वन गौशाला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वे शिव अभिषेक किए बिना जलपान तक नहीं करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लोग उनके पुण्य कार्यों को नजरअंदाज कर, सिर्फ इस वीडियो के आधार पर उन्हें वृंदावन छोड़ने की बात कह रहे हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि इस वीडियो से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो वे सभी भक्तों एवं धर्माचार्यों से क्षमा प्रार्थी हैं। उनका कहना है कि कुछ लोग उन्हें डराने का प्रयास कर रहे हैं, पर वे निडर थे तथा निडर रहेंगे। आचार्य कौशिक ने कहा कि वे अन्न त्यागकर सच्चे हृदय से गौवंश की सेवा में लगे हैं एवं हिंदू सनातनी धर्म को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कोरोना काल में लाखों लोगों को अन्न प्रदान कर उनकी सेवा की थी। उनका आरोप है कि कुछ हिंदू विरोधी ताकतें उन्हें बदनाम कर सनातन धर्म को कमजोर करने का षड्यंत्र रच रहा हैं।

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