हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि हमारी हिन्दू संस्कृति में कुछ ऐसे सवाल है जिनका जवाब हमें नहीं मिल पाता है और उनके जवाब के लिए हमे पुराने ग्रंथों को पढ़ना होता है. ऐसे में कभी-कभी तो हर कला अच्छी लगती है और कभी-कभी बहुत सारी परंपराओं पर सवाल खड़े हो जाते हैं. ऐसे में बहुत से लोगों के मन में यह सवाल होता है कि विधवाओं को रंगीन कपड़े ना पहनना क्यों और वह सफेद ही कपड़े क्यों पहनती है. तो आइए जानते हैं इसके पीछे का राज. क्या है इसका कारण: # जी दरअसल शास्त्रों में लिखा है विधवाओं की दोबारा शादी का प्रावधान नहीं है इस कारण से उनके लिए कुछ नियम बनाये गये हैं जिसके पीछे कई ठोस कारण हैं. कहते हैं शास्त्रों के मुताबिक पति को परमेश्वर कहते हैं और कहा जाता है अगर परमेश्वर का जीवन समाप्त हो जाता है तो महिलाओं को भी संसार की माया-मोह को त्याग देना चाहिए और अपने भगवान में मन लगा लेना चाहिए. # कहते हैं महिलाओं का ध्यान ना भटके इसलिए उन्हें सफेद वस्त्र पहनने को कहते हैं. कहा जाता है रंगीन कपड़े इंसान को भौतिक सुखों के बारे में बताते हैं ऐसे में महिला का पति साथ नहीं होने पर महिलाएं कैसे उन चीजों की भरपाई करेगी इसी बात से बचने के लिए विधवाओं को सफेद कपड़े पहनने का कहते हैं. # कहा जाता है विधवाओं को साफ सात्विक भोजन करने को कहा गया है और उनको तला-भूना, मांस-मछली खाने से रोका जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस तरह से भोजन इंसान की काम भावनाओं को बढ़ाते हैं इसलिए विधवाओं को इस तरह से भोजन करने नहीं दिया जाता है. यहाँ जानिए, शादी के सात फेरों के सात वचन का अनोखा राज माथे की रेखाए बताती है कितने वर्ष तक जीवित रहेंगे आप और कैसा रहेगा आपका जीवन जबरदस्त तांत्रिक प्रयोग को भी नष्ट कर देती है हींग, करें यह छोटा सा काम