सड़क किनारे लगे 'माइल स्टोन' यानी मील के पत्थरों को तो आपने देखा ही देखा होगा, जिस पर किसी स्थान की दूरी और उस जगह का नाम लिखा हुआ रहता है. जबकि इन पत्थरों के ऊपरी हिस्से पर पीला, हरा, काला और नारंगी रंग रहता है, वहीं सभी पत्थरों के निचले हिस्से सफेद रंगों से रंगे हुए होते हैं. हालांकि क्या आप जानते हैं कि आखिर माइल स्टोन के ये पत्थर अलग-अलग रंगों के क्यों होते हैं ? आपने देखा होगा कि अक्सर हाइवे या किसी भी गांव से गुजरते वक्त कई तरह के पत्थर सड़क के किनारे पर मिलते हैं. लेकिन उस पर लिखी दूरी के अलावा और किसी चीज पर खास ध्यान नहीं दिया जाता है, हालांकि हम आपको बता दें कि अलग-अलग रंग के ये पत्थर बहुत काम के होते हैं, जिनके बारे में हर कोई नहीं जानता है. यदि सड़क पर चलते वक्त या ड्राइव करते वक्त किनारे पर ऐसा पत्थर दिखे, जिसका ऊपरी हिस्सा पीले रंग का हो तो आप समझ जाइए कि आप नेशनल हाइवे या राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहे हैं. वहीं जब आपको सड़क पर हरे रंग का मील का पत्थर नजर आए तो आप समझ जाए कि आप राष्ट्रीय राजमार्ग पर नहीं, बल्कि राज्य राजमार्ग या स्टेट हाइवे पर हैं. यदि आपको सड़क पर काले या नीले और सफेद रंग की पट्टी वाला पत्थर नजर आए तो समझ जाए कि आप किसी बड़े शहर या जिले में प्रवेश कर गए हैं. जबकि साथ ही अगर सड़क किनारे नारंगी रंग की पट्टी वाला माइलस्टोन या मील का पत्थर नजर आए तो आप किसी गांव या फिर गांव की सड़क पर आ चुके हैं. चाँद पर आज भी मौजूद हैं नील आर्मस्ट्रांग के पैरों के निशान! 20 साल पहले शख्स निगल गया था यह चीज, डॉक्टरों के भी उड़े होश भूख से बिलख रहे सांप ने खुद को ही निगला, देखें वीडियो Video : टारगेट पूरा नहीं हुआ तो कंपनी ने कर्मचारियों को पिलाया जिन्दा जानवरों का खून