डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो कई बार ब्रेस्टफीडिंग में समस्याएं पैदा कर सकते हैं। आजकल ज्यादातर महिलाएं सी-सेक्शन के जरिए बच्चे को जन्म देती हैं, और उन्हें डिलीवरी के बाद ब्रेस्टफीडिंग में कई दिक्कतें होती हैं। कुछ महिलाओं को दूध आसानी से उतर जाता है, जबकि दूसरों को बहुत मुश्किल होती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि महिलाओं को क्या कदम उठाने चाहिए ताकि उनके बच्चे को पर्याप्त दूध मिल सके और उनकी सेहत ठीक रहे। सेहत पर बुरा असर डिलीवरी के बाद महिलाओं को ब्रेस्टफीडिंग में समस्याएं आना आम बात है। कई बार दूध नहीं उतरता या बहुत कम मात्रा में होता है, जिससे मां और बच्चे दोनों की सेहत प्रभावित होती है। इससे न केवल बच्चे को पोषण की कमी होती है, बल्कि मां की भी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। दूध न उतरने के कारण हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, डिलीवरी के बाद दूध न उतरने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से एक मुख्य कारण है सही डाइट की कमी। अगर महिलाओं ने गर्भावस्था के दौरान अच्छी और पोषण से भरपूर डाइट नहीं ली है, तो डिलीवरी के बाद दूध की कमी हो सकती है। इसके अलावा, सी-सेक्शन के बाद बच्चे को नर्सरी में अलग रखे जाने के कारण भी दूध की कमी हो सकती है। डाइट का ध्यान रखें महिलाओं को डिलीवरी के बाद अपनी डाइट पर विशेष ध्यान देना चाहिए। एक संतुलित और पोषण से भरपूर आहार लेना बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, और विटामिन्स की भरपूर मात्रा शामिल होनी चाहिए। हरी सब्जियां, फल, दालें, और दूध जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। ये सभी तत्व दूध के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं और मां की सेहत को भी सुधारते हैं। सी-सेक्शन और दूध का असर सी-सेक्शन के बाद बच्चे को नर्सरी में अलग रखने के कारण कई बार मां का दूध उतरने में देरी हो जाती है। जब मां और बच्चा जल्दी संपर्क में आते हैं, तो दूध उतरने में मदद मिलती है। इसके अलावा, सर्जरी के दौरान मां का शरीर अंदर से कमजोर रहता है, जिससे दूध आने में समय लग सकता है। दूध आने के उपाय संतुलित आहार: अपनी डाइट में भरपूर प्रोटीन, विटामिन, और मिनरल्स शामिल करें। हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, और फल का सेवन बढ़ाएं। हाइड्रेशन: पानी खूब पिएं। पर्याप्त पानी पीने से दूध का उत्पादन बढ़ सकता है। आराम: तनावमुक्त रहने की कोशिश करें और पर्याप्त आराम करें। तनाव भी दूध के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। बच्चे के साथ संपर्क: बच्चे को ज्यादा से ज्यादा मां के संपर्क में रखें। इससे दूध का उत्पादन बेहतर होता है। इस तरह से, सही आहार और देखभाल से ब्रेस्टफीडिंग की समस्याओं को कम किया जा सकता है और मां और बच्चे की सेहत को सुनिश्चित किया जा सकता है। सोशल मीडिया पर छाया कर्टनी कार्दशियन का नया लुक ब्रायन एडम्स के फैंस के लिए खुशखबरी, सिंगर ने किया ये बड़ा ऐलान