'कांग्रेस को सदा शकुनि-चक्रव्यूह ही क्यों याद आते हैं, क्या यही चरित्र..', राहुल गांधी के बयान पर शिवराज ने किया पलटवार

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शुक्रवार (2 अगस्त) को कहा कि 'किसान विरोधी' होना कांग्रेस के DNA में है। उन्होंने मोदी सरकार पर कृषि क्षेत्र के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाने के लिए विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया। राज्यसभा में अपने मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2013-14 से पिछले 10 वर्षों में इस क्षेत्र के लिए बजट परिव्यय में कई गुना वृद्धि की है। 

शिवराज ने कहा कि किसानों को उर्वरक अत्यधिक रियायती मूल्य पर मिल रहे हैं तथा उन्हें कृषि पोषक तत्व कम मूल्य पर मिलते रहेंगे। चौहान ने महत्वपूर्ण कृषि क्षेत्र में मोदी सरकार द्वारा किए गए कार्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि, "किसान विरोधी होना कांग्रेस के डीएनए में है। कांग्रेस की प्राथमिकताएं शुरू से ही गलत रही हैं।" उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ, वर्तमान सरकार ने छह प्राथमिकताएं तय की हैं, जिनमें कृषि उत्पादन बढ़ाना, लागत कम करना, लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराना और आपदाओं के समय पर्याप्त राहत प्रदान करना शामिल है।

कृषि मंत्री ने विपक्षी दलों को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार उनके ठोस सुझावों पर विचार करने तथा व्यावहारिक सुझावों को लागू करने के लिए तैयार है। चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने कहा कि मोदी सरकार ने 10 साल के शासन में कृषि क्षेत्र के लिए कुछ भी नहीं किया है और यहां तक ​​कि नवीनतम केंद्रीय बजट भी उम्मीदों से कम है। चौहान ने एमएसपी पर अपर्याप्त सरकारी खरीद के विपक्षी दलों के आरोपों को खारिज करते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि मोदी सरकार किसानों को "भगवान" मानती है, न कि "वोट बैंक"।

इसके साथ ही शिवराज ने राहुल गांधी के चक्रव्यूह वाले बयान को लेकर कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। कृषि मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को सदा शकुनि, चौसर और चक्रव्यूह क्यों याद आते हैं? जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मुरत देखी तिन तैसी। शकुनि धोखे और कपट के प्रतीक थे और चक्रव्यूह में घेरकर मारने का जिक्र है। क्या कांग्रेस का असली चेहरा यही है? उन्होंने कहा कि जब हम महाभारत की बात करते हैं, तो हमें भगवान श्रीकृष्ण दिखाई देते हैं, जबकि विपक्ष को छल-कपट और अधर्म के प्रतीक शकुनी तथा चौसर का ध्यान आता है।  

कृषि मंत्री ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि शुरुआत से ही कांग्रेस की प्राथमिकताएं गलत रही हैं। हमारे प्रथम पीएम जवाहरलाल नेहरू, मैं उनका सम्मान करता हूं। वह रूस से एक मॉडल देखकर आए और कहा कि इसे लागू करो। चौधरी चरण सिंह ने कहा कि ये गलत नीति है, लेकिन नेहरू जी नहीं माने। 17 साल वे देश के पीएम रहे, मगर क्या हुआ। अमेरिका से सड़ा हुआ लाल गेहूं खाने के लिए देशवासियों को मजबूर किया गया। 

उन्होंने कहा कि इंदिरा जी के समय जबरदस्ती लेवी वसूली का काम होता था। भारत कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं हुआ था। राजीव गांधी ने एग्रीकल्चर प्राइस पॉलिसी की बात अवश्य की थी, मगर किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। नरसिम्हा राव की कांग्रेस सरकार में भी कृषि से संबंधित उद्योगों की भी डी-लाइसेंसिंग नहीं की। 2004 से 2014 की क्या बात करूं, उस वक़्त तो घोटालों से देश परेशान हो गया था। भारत की सियासत में, राजनीतिक क्षितिज पर एक दैदीप्यमान सूर्य का उदय हुआ है, जिसने पूरे भारत को दुनिया के सामने गर्व से खड़ा किया, देश का सम्मान बढ़ाया- नरेंद्र मोदी। मोदी सरकार ने कृषि की प्राथमिकताएं बदल दीं।

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