आज 2017 हम सभी को अलविदा कह देगा. कल से सभी लोग 2018 का स्वागत करेंगे. देखते ही देखते साल कब निकल जाता है इसका पता भी नहीं चलता है. आज तो सभी लोग बेसब्री से रात के 12 बजे का इंतजार करेंगे और तब तक सभी लोग जश्न में डूबे होंगे. रेस्टोरेंट से लेकर मॉल्स और क्लब सभी में खास डेकोरेशन हुआ है. हर कोई न्यू ईयर पार्टी की तैयारियां कर रहा है. लेकिन क्या कभी आप सभी ने सोचा है की नया साल एक जनवरी को ही क्यों सेलिब्रेट किया जाता है. क्या आपके दिमाग में कभी ऐसा प्रश्न नहीं आया कि नया साल एक नवम्बर या एक फरवरी को क्यों नहीं मनाया जाता है. तो चलिए आप के ऐसे सभी प्रश्नो का उत्तर आज हम आपको दे ही देते है. दरअसल एक जनवरी को न्यू ईयर सेलिब्रेट करने के पिछले कुछ खास वजह और मान्यता दोनों ही है. सुनने में आया है कि जनवरी महीने का नाम भगवान 'जानूस' के नाम पर रखा गया था. ये एक रोमन मान्यता है. भगवान जानूस के दो मुख थे एक आगे और एक पीछे. कहा तो ये भी जाता है कि भगवान जानूस को आने वाले कल और बीते हुए कल दोनों के ही बारे में पता रहता था. वैसे एक जनवरी को न्यू ईयर सेलिब्रेट करने का सिर्फ ये एक ही कारण नहीं है बल्कि कुछ और भी कारण है जिस वजह से एक जनवरी को ही नया साल मनाया जाता है. इस वीडियो में आप नए साल से जुडी कुछ और मान्यताए भी जान सकते है. हॉट अंदाज़ के साथ फिर लौटी सोफी चौधरी, शेयर की बिकिनी फोटोज इंसानो से भी ज्यादा अच्छे फोटो पोज़ देता है ये रैबिट झूठ बोलना पाप है... ऐसी कुछ कहावतें दिला देगी बचपन की याद