आखिर मृत्यु के समय मुँह में क्यों रखा जाता है सोना...जानिए इसके पीछे की वजह

ये बात तो हम सभी जानते है  कि मृत्यु ही जीवन का अंतिम सत्य है. जिस व्यक्ति ने इस दुनिया में जन्म लिया है उसे यहां से जाना ही है, और मृत्यु के बाद किया जाता है अंतिम संस्कार. हर धर्म में अंतिम संस्कार करने के तरीके बिलकुल अलग ही होते है, लेकिन हम हिन्दू धर्म के बारें में बात करें तो इस धर्म में अंतिम संस्कार में लोग मरे हुए व्यक्ति के मुख में गंगालाजल, तुलसी के अलावा सोने का एक टुकड़ा डालते हैं. हालांकि, लेकिन कई स्थान ऐसे भी है जहां पर ऐसा नहीं किया जाता लेकिन यह अंतिम संस्कार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा कहा जाता है. ऐसा करने के पीछे बहुत ही गहरा कारण है.

हिंदू धर्म में गंगा को देवी कहा गया है और यही वजह है कि इसके जल को बहुत ही ज्यादा पवित्र और शुद्ध कहा जाता है. हिन्दू धर्म के अनुसार यह सभी पापों से मुक्त कर देता है. पुराणों और शास्त्रों में तो ये भी कहा गया है कि मृत्यु के वक़्त मुख में गंगाजल रखने से मृतक के शरीर से आत्मा निकलते समय यमदूत उसे ज्यादा पीढ़ा नहीं देते है और आत्मा शरीर से बिना किसी परेशानी के बाहर आ जाती है. यही वजह है कि मृत्यु से कुछ क्षण पूर्व ही मृत्यु को प्राप्त हो रहे व्यक्ति को गंगा जल दिया जाता है. इतना ही नहीं हिन्दू धर्म में  मृत्यु के निकट आने पर मुँह में तुसली भी रखी जाती है, क्यूंकि ऐसा कहा जाता है कि तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है. मृत्यु के वक़्त इसकी पत्ती मुंह में रखने से यमदंड से मनुष्य को नहीं गुजरना पड़ता.

मौत के पश्चात मुँह में क्यों रखा जाता है सोना?: अधिकांश लोगों को इस बारें में जानकारी नहीं है कि मृत्यु के पश्चात मुँह में सोना क्यों रखते है, दरअसल अंतिम संस्कार में मृतक के मुंह में सोना डालना इस बात की पुष्टि करता है कि व्यक्ति की आत्मा पृथ्वी या मृत्युलोक के मध्य अब नहीं फसी है. हिंदू धर्म के अनुसार कि दाह संस्कार के वक़्त मृतक के मुंह, नाक या कान में सोने का टुकड़ा डाल देने से आत्मा को ज्यादा कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता, उस पर कोई नकारात्मक ऊर्जा भी हावी नहीं होती और आत्मा बिना किसी रुकावट और परेशानी के भगवान के करीब चली जाती है. इतना ही नहीं मृतक के मुंह में सोने की एक छोटी मात्रा देने की परंपरा को पितृ दान बोला जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य आत्मा की यात्रा को सही ढंग से आगे की तरफ बढ़ाना है.

जल्द ही मिल जाता है मोक्ष: कुछ पुराणों और शास्त्रों को ये भी कहा गया है कि मौत के पश्चात मृत शरीर के मुंह के अंदर अगर सोना, मोती या सिक्के का टुकड़ा रखा जाए, तो इससे आत्मा को सकारात्मक गति प्राप्त करने में मदद मिलती है. सोना एक पवित्र धातु कहा जाता है और इसे आत्मा की शुद्धि और पवित्रता का प्रतीक भी कहा जाता है. यह भी बोला जाता है  कि इससे मर चुके व्यक्ति को को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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