मुंबई: एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता नवाब मलिक को मानखुर्द-शिवाजी नगर से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया है, जबकि उनकी बेटी सना मलिक को अणुशक्ति नगर से उम्मीदवार बनाया गया है। यह फैसला अजित पवार ने बीजेपी के विरोध के बावजूद लिया। बीजेपी लगातार नवाब मलिक पर दाऊद इब्राहिम से संबंध होने का आरोप लगाती रही है। नवाब मलिक ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो लोग उन्हें दाऊद इब्राहिम से जोड़ने के झूठे आरोप लगा रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग, दाऊद कनेक्शन और आतंकवाद जैसे झूठे आरोप उनकी छवि खराब कर रहे हैं। यदि आरोप लगाने वाले माफी नहीं मांगते, तो उनके वकील कानूनी नोटिस भेजेंगे और कार्रवाई करेंगे। बीजेपी नेताओं ने इन आरोपों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है, लेकिन अजित पवार ने नामांकन के आखिरी दिन नवाब मलिक के नाम की घोषणा की। इसके अलावा, नवाब मलिक के खिलाफ इस सीट पर एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने सुरेश पाटिल को उम्मीदवार बनाया है। नवाब मलिक ने कहा कि वह बीजेपी के खिलाफ अपने पुराने रुख पर कायम हैं और सीएम योगी आदित्यनाथ के "बटेंगे तो कटेंगे" नारे का कभी समर्थन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि धर्म आधारित राजनीति लंबे समय तक नहीं टिकेगी और चुनाव आयोग को ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाने चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि महायुति में शामिल होने के बावजूद वह अजित पवार का समर्थन क्यों कर रहे हैं, तो उन्होंने बताया कि जेल में रहने के दौरान अजित पवार ने उनके परिवार की मदद की थी। इसलिए, वह अजित पवार के साथ खड़े हैं और उन्हें ही अपना नेता मानते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर नवाब मलिक ने कहा कि पीएम मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह उनकी विचारधारा का समर्थन करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी डर या दबाव के कारण अजित पवार की पार्टी में नहीं गए हैं। उन्होंने कहा कि वह हमेशा सच के लिए खड़े रहेंगे और झूठे आरोपों से समझौता नहीं करेंगे। लाउडस्पीकर हटाने पर कायम हैं राज ठाकरे, कहा- अपने धर्म को घर तक ही रखें.. दिल्ली की 12 कॉलोनियों में गरजा बुलडोज़र, अवैध निर्माण हुए जमींदोज़ पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ रहा था युसूफ, दिलशाद-शाहनवाज़ ने चाक़ू घोंप-घोंपकर मार डला