पटना : केन्द्रीय खाद्य एवं जनवितरण मंत्री रामविलास पासवान ने लालू प्रसाद और उनके परिवार पर ‘बेनामी’ संपत्ति को लेकर लग रहे आरोपों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आज सवाल किया कि वह इस मामले में ‘मौनी बाबा’ क्यों बने हुए हैं? बता दें कि एलजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद पत्रकारों ने बीजेपी द्वारा लालू और उनके परिवार पर बेनामी संपत्ति को लेकर लगाए जा रहे आरोपों पर पासवान ने कहा कि मैं लालू जी और उनके परिवार का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन प्रदेश में जितनी भी घटनाएं घट रही हैं, चाहे वह भ्रष्टाचार या गिरती विधि व्यवस्था का मामला, या कोर्ट का निर्णय हो, नीतीश कुमार मौनी बाबा क्यों बने हुए हैं? उनको जुबान खोलनी चाहिए हां या न में. कम से कम बोले तो कि सही या गलत है. तब जबकि सरकार का एक अंग (लालू की पार्टी) है और सबसे बड़ा दल है उस पर आरोप लगातार लग रहे हैं. प्रेस से हुई बातचीत में पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार रोडमैप बनाकर केंद्र सरकार को दें कि उन्हें किस कार्य के लिए कितनी राशि चाहिए. दलित राष्ट्रपति की मांग पर उन्होंने कहा कि दलित राष्ट्रपति हो यह मुद्दा उन्होंने 1990 में उठाया था. के आर नारायणन को पहले उपराष्ट्रपति और बाद में राष्ट्रपति बनाया गया. अब केंद्र में राजग की सरकार है वह सोच रही है पर हमलोग सक्रिय राजनीति में रहना चाहते हैं. विपक्षी दलों के ईवीएम को मुद्दा बनाए जाने पर पासवान ने कहा कि निर्वाचन आयोग के उस तर्क से सहमत है कि इवीएम के साथ छेड़छाड़ करना आसान नहीं है, लेकिन उसमें और भी पारदर्शिता की जरूरत होगी तो लाई जाएगी. बिहार में नौ लाख लीटर शराब के चूहों द्वारा गटक जाने के मामले पर रामविलास पासवान ने शराबबंदी अभियान को मात्र एक ‘ढकोसला’ करार देते हुए कहा कि इससे हास्यापद स्थिति क्या हो सकती है? पासवान ने कहा यहां शराब सात जन्म में भी बंद नहीं होने वाली है, क्योंकि शराबबंदी के कारण प्रदेश में और भी भ्रष्टाचार बढ गया है. अब निचले स्तर तक के अधिकारी लाखपति बनते जा रहे हैं. सबका सबसे सांठगांठ हो गया है. सीधे घर में शराब की आपूर्ति हो रही है. यह भी देखें दो नाबालिगों ने कुख्यात बदमाश को कोर्ट परिसर में गोलियों से उड़ाया बिहार में दबंगो की दबंगई, लड़की को ज़िंदा दफनाया