आजकल ज्यादातर लोगों के पास स्मार्टफोन और इंटरनेट की सुविधा होती है। लोग सोशल मीडिया पर बातचीत करने के लिए इमोजी का खूब इस्तेमाल करते हैं। कई बार हम अपने भाव और विचार इमोजी के ज़रिए ही व्यक्त कर देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इमोजी का रंग अक्सर पीला ही क्यों होता है? आइए, जानते हैं इसके पीछे की वजह। इमोजी का महत्व: इस डिजिटल दौर में लोग टेक्स्ट मैसेज करने की जगह अब इमोजी का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करते हैं। व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर हम सभी इमोजी का इस्तेमाल करते हैं ताकि हमारी बातचीत मजेदार और भावनात्मक लगे। इमोजी एक तरह से हमारे भावों को दर्शाने का आसान तरीका बन चुके हैं। लेकिन इनमें से ज्यादातर इमोजी का रंग पीला ही होता है, क्या आपने कभी इस पर गौर किया? पीला रंग ही क्यों?: इमोजी का रंग पीला क्यों होता है, इसके बारे में विशेषज्ञों ने कुछ खास वजह बताई हैं। स्किन टोन का विवाद न हो: कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इमोजी का रंग पीला इसलिए होता है क्योंकि इसे किसी भी विशेष स्किन टोन से जोड़ा न जाए। अगर इमोजी किसी खास रंग के होते, तो यह रंगभेद (रैसिज्म) को बढ़ावा दे सकता था। पीला एक न्यूट्रल रंग है, जिससे ये समस्या नहीं होती। खुशी का प्रतीक: दूसरी वजह यह मानी जाती है कि पीला रंग आमतौर पर खुशी और सकारात्मकता का प्रतीक होता है। हंसते और खुश चेहरे अक्सर पीले रंग में अच्छे दिखते हैं, जिससे इमोजी का भाव सही तरीके से सामने आता है। रंग की पहचान: पीला रंग सबसे अधिक उज्जवल और आसानी से ध्यान आकर्षित करने वाला होता है। इसलिए भी इमोजी में इसे प्राथमिक रंग के रूप में चुना गया। शब्दों की जगह इमोजी: आज के समय में लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्दों की बजाय इमोजी का ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं। चाहे प्यार जताना हो, गुस्सा व्यक्त करना हो, या फिर उदासी दिखानी हो, सब कुछ इमोजी के जरिए ही हो जाता है। सोशल मीडिया पर आपको हर तरह के इमोजी आसानी से मिल जाते हैं, जो आपकी भावनाओं को बिना शब्दों के सामने वाले तक पहुंचा देते हैं। चेकिंग के दौरान गाड़ी में मिली ऐसी चीज, पुलिस अफसर भी रह गए दंग जिस घी से बनता था तिरुपति का 'मशहूर लड्डू', उसमें मिला था मछली का तेल उत्तराखंड में लागू हुआ ये नया कानून, जानिए इसके प्रावधान