रमजान में खजूर खाने के पीछे भी एक विज्ञान है, जानिए कैसे

मुस्लिम धर्म में पवित्र महीना माना जाने वाला रमजान शुरू हो चूका है. रमजान के 30 रोज़ो के बाद ही ईद मनाई जाती है लेकिन उससे पहले मुस्लिम समुदाय के लोग 30 दिनों तक भूखे रहकर रोज़ो को पूरा करते है. सुबह करीब चार बजे उठाकर सहरी करते है जिसमें कुछ खाना होता है वहीं शाम को समय अनुसार  इफ्तार होता है, जिसमें कुछ खाकर रोज़ा तोडना होता है. 

इफ्तारी में अगर कोई फल सबसे अहम भूमिका निभाता है तो वह है एक छोटा सा लाल ब्राउन रंग का फल जिसे हम खजूर कहते है. खजूर का इफ्तारी में बड़ा योगदान होता है साथ ही ये फल भारत में बड़ी मात्रा में पाया जाता है वहीं सऊदी अरब से भी इस फल को भारत लाया जाता है. आइये आपको बताते है क्यों खजूर रोज़ो में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. 

दिन भर बिना पानी के भूखे रहने से खाना खाना शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है बस इसी कारण इंस्टेंट एनर्जी के लिए लोग रोज़ा तोड़ने के लिए खजूर का सेवन करते है.

खजूर में काफी मात्रा में फाइबर (6.7 ग्राम) पाया जाता है जो शरीर को एनर्जी देते हुए पाचन क्रिया को बेहतर करने में भी मदद करता है. खजूर के और भी कई फायदे होते हैं जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स जो करीब 74.97 ग्राम होते हैं.

इसके साथ ही छोटी-छोटी कई ऐसी चीजें है जो लाभकारी होती है. बस यही कारण है कि रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम खजूर को बड़ी मात्रा में खाते है. 

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