हर साल आने वाली शारदीय नवरात्रि की शुरूआत इस बार 29 सितंबर से होने जा रही है. ऐसे में इस बार यह पर्व 7 अक्टूबर तक चलने वाला है. वहीं हम इस बात से वाकिफ हैं कि मां के भक्तों को दोनों पक्षों के नवरात्रि का इंतजार रहता है और दोनों नवरात्रि सभी के लिए ख़ास होती है. ऐसे में आज हम आपको यह भी बता रहे हैं कि साल में कुल चार बार नवरात्रि आती है लेकिन उन चारों में दो गुप्त नवरात्रे होते हैं, जो केवल तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं. इसी के साथ चैत्र व शारदीय नवरात्रि की धूम पूरे देश में देखने को मिलती है और कहा जाता है कि माता की आराधना पूरे 9 दिनों तक कोई व्यक्ति कर ले तो उसे मनचाहा फल मिलता है. जी हाँ, ऐसे में बहुत से लोग पूरे नौ दिनों तक माता को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी करते हैं. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर शारदीय नवरात्रि क्यों मनाई जाती है. क्यों मनाते हैं शारदीय नवरात्रि- कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शारदीय नवरात्रि का कनेक्शन भगवान राम से है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इन्होंने ही इस नवरात्र की शुरुआत की थी. जी दरअसल ऐसा कहा जाता है कि राम जी ने पूरे नौ दिनों तक मां की पूजा की और इसके 10वें दिन भगवान राम ने रावण का वध कर दिया था. इसीलिए शारदीय नवरात्रों में नौ दिनों तक दुर्गा मां की पूजा के बाद दशमी तिथि पर दशहरे का पर्व मनाया जाता है. आप सभी को यह भी बता दें कि नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है और इस दिन कलश स्थापना का सुबह का समय सबसे उत्तम माना गया है और इसका शुभ मुहूर्त भी होता है. इस दिन सुबह उठकर नहाकर साफ सुथरे कपड़े पहन लें और व्रत रखने के इच्छुक व्रत रखने का संकल्प लें. उसके बाद किसी बर्तन या जमीन पर मिट्टी की थोड़ी ऊंची बेदी बनाकर जौ को बौ दें और अब इस पर कलश की स्थापना करें. अब इसके बाद कलश में गंगा जल रखें और उसके ऊपर कुल देवी की प्रतिमा या फिर लाल कपड़े में लिपटा नारियल रखें और पूजन करें. ऐसा करने से आपको सब मिल जाएगा. प्रेमी संग फिल्म देखने निकली महिला, पीछे-पीछे आ गया पति और फिर... जुए में रुपये हारने के बाद दोस्तों को युवक ने दे दी अपनी पत्नी... योगी राज में बढ़ा अपराध का ग्राफ, आंकड़े छुपा रही सरकार- अखिलेश यादव