रमज़ान का पाक महीना शुरू हो चुका है, इस्लाम धर्म में रमजान को सबसे पवित्र महीना माना जाता है इस पवित्र महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते है. मुस्लिम धर्म में रमजान एक तरह का पर्व होता है जो इस्लामी कैलेन्डर के नौवें महीने में मनाया जाता है. पूरी दुनिया में मुस्लिम समाज इसे पैगम्बर हजरत मोहम्मद पर पवित्र कुरान के अवतरण के उपलक्ष्य में उपवास और पूरी श्रद्धा से साथ मनाता है. लेकिन हर किसी के मन में एक सवाल जरूर उठता है कि आखिर मुसलमान रोज़े क्यों रखते है और क्यों मनाया जाता है रमजान. तो चलिए आज हम आपको बता देते है आखिर मुसलमान रोज़े क्यों रखते है और क्यों रमज़ान के महीने को इतना महत्व देते है. दरअसल रमजान इसीलिए मनाया जाता है क्योंकि इस महीने में कुरान शरीफ को पहली बार उतारा गया था और कुरान के उतरने की याद में ही सभी मुसलमान इसे बहुत ही उत्साह से मनाते है. ऐसा कहा जाता है कि रोजा रखने से अल्लाह को खुश किया जाता है. जिससे उनका कर्म हमेशा उन पर बरसता है और कुरान में बताया गया है कि हर मुसलमान के लिए रोजा रखना जरुरी है इसीलिए सभी मुसलमान इसे बड़े उत्साह से रखते भी है. बता दे कि इस दौरान मुसलमान न कुछ खाते है और न कुछ पीते है. अगर रोजा रखकर गलत काम करते है यानी झूठ बोलना, धोखा देना, बुराई करना, गलत निगाहों से दूसरों को देखते रहना या अन्य गंदे विचारों का दिमाग मे आते रहना तो इसका मतलब रोजा नहीं हुआ, यह सिर्फ फाका करना हुआ. फिर आपके दिन भर भूखे रहने का कोई मतलब नहीं रहेगा और ऐसे में आपके रोज़ा रखने का कोई महत्व नहीं होगा. ये भी पढ़े रोज़ा में ऐसे रखें अपने शरीर को ऊर्जावान 11वे रोज़े के साथ शुरू होगा मगफिरत का अशरा रमज़ान : गलती से कुछ खा लेने से नहीं टूटता रोज़ा