इस सावन का आरम्भ 22 जुलाई से होने जा रही है तथा समापन 19 अगस्त, सोमवार को रक्षाबंधन के दिन होगा. ऐसा कहा जाता है सावन में जो भी जातक व्रत रखता है, उसकी महादेव सभी इच्छाएं पूरी करते हैं. साथ ही महादेव की इसी विशेष कृपा के लिए सावन में कांवड़ यात्रा भी निकाली जाती है. इस बार सावन बहुत ही विशेष माना जा रहा है क्योंकि सावन में 72 वर्ष पश्चात् प्रीति योग, आयुष्‍मान योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. वहीं, गजकेसरी योग भी बनने जा रहा है. वही सावन में शारीरिक संबंध की भी मनाही होती है आइये आपको बताते है इसकी वजह... सावन में शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए संसार को चलाने के लिए मनुष्यो को शारीरिक संबंध बनाना आवश्यक होता है. कई मायनो पर शारीरिक संबंध को एक पवित्र घटनाक्रम है. संसार को आगे बढ़ाने का एक माध्यम शारीरिक सम्बन्ध ही है. यदि आप सावन में सम्बन्ध बनाने जा रहे है. तो सावधान हो जाये. – जब आपने या आपके साथी ने सावन का व्रत रखा हो तो उस वक़्त सेक्स न करें। – संभोग को सूर्योदय के पश्चात् अच्छा नहीं माना गया है। इसलिए सावन में सूर्योदय के बाद सम्भोग न करे. – यदि आपका विवाह नहीं हुआ है तो सावन के दिनों में संभोग उचित नहीं है. – सावन के पवित्र दिनों में संभोग से बचना चाहिए। – किसी भी ग्रहण के वक़्त कभी भी संभोग नहीं करना चाहिए। जानकारों के मुताबिक, सावन के महीने में शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए, ऐसा करने से सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। आयुर्वेद भी इसे स्वीकार करता है। आयुर्वेद के मुताबिक, सावन के महीने में व्यक्ति के अंदर रस का संचार अधिक होता है। रक्त का संचार बढ़ने के कारण शारीरिक संबंध बनाने की भावना बढ़ती है। यदि इस मौसम में ज्यादा सेक्स किया जाता है तो नवविवाहितों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सावन के महीने में गर्भ ठहरने की वजह से होने वाली संतान मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर होने की अधिक संभावनाएं होती हैं। यहीं वजह है कि भारतीय संस्कृति में त्योहारों की ऐसी पंरपरा बनाई गई है, जिससे इस महीने में नवविवाहित स्त्रियां अपने मायके जा सकें तथा उनके होने वाले बच्चे को किसी प्रकार की कोई बीमारी न हो। पीरियड्स के दौरान सावन सोमवार का व्रत करना चाहिए या नहीं? आज जरूर करें ये एक काम, बने रहेगी सुख समृद्धि सावन की इन 7 तिथियों पर जरूर करें रुद्राभिषेक, जल्द प्रसन्न होंगे भोलेनाथ