नई दिल्ली: आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में NEET मामले पर सुनवाई हुई। 5 मई को रिजल्ट सामने आने के बाद कई छात्र और कोचिंग संस्थानों ने NTA के खिलाफ याचिकाएं दाखिल की हैं। CJI डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली तीन जजों की पीठ इन NEET याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इसमें CJI के अलावा न्यायाधीश जेबी पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने अदालत में री-एग्जाम को लेकर अपना पक्ष रखा है। शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल करते हुए NEET एग्जाम रद्द की मांग का विरोध किया था। सरकार ने हलफनामे में कहा है कि कथित गड़बड़ी सिर्फ पटना और गोधरा केंद्रों में हुई थी और व्यक्तिगत उदाहरणों के आधार पर पूरी एग्जाम कैंसिल नहीं की जानी चाहिए। अनुचित साधनों और पेपर लीक के निजी उदाहरणों से पूरी परीक्षा बर्बाद नहीं हुई है। यदि परीक्षा प्रक्रिया निरस्त कर दी जाती है, तो यह लाखों छात्रों के शैक्षणिक करियर से संबंधित बड़े सार्वजनिक हित के लिए ज्यादा हानिकारक होगा। पेपर लीक मामले में CBI जांच कर रही है। शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक वरुण भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामें उक्त बातें कही हैं। CJI ने आगे कहा है कि याचिकाकर्ता की तरफ से पेश सभी वकील इस बात पर अपनी दलीलें पेश करेंगे कि दोबारा परीक्षा क्यों करवाई जानी चाहिए और केंद्र तारीखों की पूरी लिस्ट भी देगा और हम इस मामले को बुधवार को सुनवाई कर सकते हैं। CBI भी बुधवार को इस संबंध स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर सकती है। राहुल गांधी के बचाव में उतरे शंकराचार्य, बोले- इन लोगों को दंड मिलना चाहिए... किसान, मजदूर, उद्योग..! बजट 2024 में किसके लिए क्या होगा ? 22 जुलाई से शुरू होगा सत्र निठारी का सन्सनीखेज हत्याकांड, सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची CBI