लखनऊ: दीवाली के त्योहार के आते ही पटाखे फोड़ने को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग पटाखों से प्रदूषण होने का हवाला देकर लोगों को दीवाली शांतिपूर्ण ढंग से मनाने की सलाह दे रहे हैं। इस मुद्दे पर बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक विवादित बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि जो लोग पटाखों पर सवाल उठा रहे हैं, उन पर "सुतली बम" रख देंगे। उन्होंने लोगों से दीवाली पर जमकर पटाखे फोड़ने की अपील की। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि हिंदू त्योहारों पर हमेशा सवाल उठाए जाते हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब दीवाली पर तेल और घी के दीपक जलाने की बात होती है, तो कुछ लोग इसे गरीबों में बांटने का सुझाव देते हैं। उन्होंने इसे लेकर कहा कि अगर ऐसा ही करना है तो बकरीद पर भी जानवरों की कुर्बानी बंद कर देनी चाहिए और उस पैसे को गरीबों में बांटना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि हैप्पी न्यू ईयर पर छोड़े जाने वाले पटाखों पर कोई आपत्ति क्यों नहीं जताता? बागेश्वर धाम के इस बयान पर मौलाना तौकीर रजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि दीवाली रोशनी का त्योहार है, पटाखों का नहीं। उन्होंने कहा कि अगर आपकी खुशी से प्रदूषण फैल रहा है, तो वह सही खुशी नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की बजाय, उनकी समय सीमा तय होनी चाहिए। मौलाना ने आगे कहा कि मुसलमानों ने देशहित को ध्यान में रखते हुए अपने त्योहारों पर आतिशबाजी बंद कर दी थी। उन्होंने कहा कि बकरीद पर दी जाने वाली कुर्बानी से लोगों को नुकसान नहीं होता, जबकि दीवाली पर होने वाले प्रदूषण से इंसानों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान पर व्यंग्य करते हुए कहा कि "सुतली बम नहीं, एटम बम फेंक दो", क्योंकि हिंदू समाज पटाखे फोड़कर खुद का और देश का नुकसान कर रहा है। आयुष्मान योजना को दिल्ली में लागू क्यों नहीं कर रही AAP सरकार? हाईकोर्ट पहुंची भाजपा स्पेन में बाढ़ से हाहकार..! अब तक 51 की मौत, कई लापता 'जोर से कुरान-नमाज़ नहीं पढ़ सकती महिलाएं, क्योंकि..', तालिबान का नया इस्लामी फरमान