लखनऊ: वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी मामले में सुनवाई के दौरान वाराणसी अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को उनके पद से हटा दिया है. उन पर सर्वे के दौरान जानकारी लीक करने का इल्जाम लगा है. ये भी कहा गया है कि उनकी ओर से एक प्राइवेट कैमरामैन रखा गया था जो मीडिया को जानकारी दे रहा था. उनके व्यवहार को गैर जिम्मेदाराना करार दिया गया है. अदालत ने अपने फैसले में ये भी साफ़ कर दिया है कि अजय प्रताप सिंह और विशाल सिंह अपने पद पर बने रहेंगे, केवल अजय कुमार को हटाने का फैसला लिया गया है. अब कोर्ट में सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करने का कार्य अजय प्रताप और विशाल सिंह करने वाले हैं. यहां ये जानना आवश्यक हो जाता है कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से निरन्तर यह आरोप लगाया जा रहा था कि कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा पक्षपात कर रहे हैं. पहले भी उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग हुई थी. अब वाराणसी कोर्ट ने उनके खिलाफ ये फैसला दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने सर्वे की रिपोर्ट जमा करने की अवधि को भी बढ़ा दिया है. मांग की गई थी कि दो दिन का अतिरिक्त वक़्त चाहिए, अब कोर्ट ने उसकी सहमति दे दी है. वहीं, भारत में मुस्लिमों के प्रमुख संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में कथित रूप से शिवलिंग मिलने के बाद कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का वजू खाना बंद कराए जाने को नाइंसाफी बताते हुए कहा है कि यह पूरा घटनाक्रम सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने की एक साजिश से अधिक कुछ नहीं है। ज्ञानवापी का सर्वे करने वाले कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा हटाए गए, मुस्लिम पक्ष ने जताई थी आपत्ति ज्ञानवापी सर्वे को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बताया साजिश.., जानिए क्या कहा ? ओवैसी के बयान से बौखलाए सुब्रमण्यम स्वामी, कहा- 'प्रधानमंत्री ने कुछ ना बोलकर ठीक किया'