नामीबिया के चीतों के लिए आखिर क्यों चुना गया 'कूनो नेशनल पार्क'?

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 17 सितंबर मतलब आज नामीबिया से 8 चीते लाए गए हैं। इस मेगा इवेंट पर दुनियाभर की नजर है, क्योंकि चीतों की इस प्रकार की पहली शिफ्टिंग है। मध्य प्रदेश के विशाल वन मंडल के 748 वर्ग किमी में फैला कूनो पालपुर नेशनल पार्क शीघ्र ही 8 अफ्रीकी चीतों का नया घर होगा। यह इलाका छत्तीसगढ़ के कोरिया के वर्ष जंगलों से मिलता जुलता है। बता दें कि कोरिया में तकरीबन 70 वर्ष पहले मूल एशियाई चीता को अंतिम बार देखा गया था। ऊंचाई वाले स्थानों, तटीय एवं पूर्वोत्तर इलाके को छोड़कर, भारत का मैदानी क्षेत्र चीतों के रहने के लिए सही माना जाता है। इन जंगली जानवरों को लाने से पहले भारत के कई क्षेत्रों पर विचार किया जा रहा था कि इन्हें कहां रखा जाए? 2010 और 2012 के बीच मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात एवं उत्तर प्रदेश में दस साइट्स का सर्वेक्षण किया गया। बाद में यह पाया गया कि मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में बना कूनो राष्ट्रीय उद्यान ही चीतों के लिए सबसे सही एवं सुरक्षित जगह है।

वही यह भारतीय वन्यजीव संस्थान एवं भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट (WTI) की तरफ से जलवायु चर, शिकार घनत्व, प्रतिस्पर्धी शिकारियों की आबादी तथा ऐतिहासिक सीमा के आधार पर किए गए आकलन के आधार पर चीतों के लिए सबसे सही जगह मानी गई। चीता यूं तो खूंखार जानवर है। किन्तु माना जाता है कि चीते मनुष्य को कम ही नुकसान पहुंचाते हैं। इंसान एवं बड़े पशुओं पर बहुत ही कम हमला करते हैं। वे छोटे जानवरों का शिकार करना अधिक पसंद करते हैं। बता दें कि चीता धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है। कूनो नेशनल पार्क में कोई इंसानी बस्ती या गांव नहीं है और न ही खेती-बाड़ी। चीतों के लिए शिकार करने लायक बहुत कुछ है। यानी चीता जमीन पर हो या पहाड़ी पर, घास में हो या फिर वृक्ष पर, उसे खाने की कमी किसी भी स्थिति में नहीं होगी। 

 

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कूनो नेशनल पार्क में सबसे अधिक चीतल मिलते हैं, जिनका शिकार करना चीतों को पसंद आएगा। चीतल, हिरण की प्रजाति चीता, बाघ एवं शेरों के लिए बेस्ट प्रे बेस माना जाता है। कूनो नेशनल पार्क में पहले लगभग 24 गांव थे, जिन्हें वक़्त रहते दूसरे स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया। इन्हें कूनो नेशनल पार्क के 748 वर्ग किमी के पूर्ण संरक्षित क्षेत्र की सीमा से बाहर भेज दिया गया। विशेषज्ञों के अनुसार, कूनो नेशनल पार्क में 21 चीतों के रहने की जगह है। यदि 3,200 वर्ग किमी में सही मैनेजमेंट किया जाए तो यहां पर 36 चीते रह सकते हैं तथा पूरे आनंद के साथ शिकार कर सकते हैं। कूनो पार्क में चीता के साथ-साथ बाघ, शेर एवं तेंदुए के लिए भी रहने के लिए सबसे शानदार जगह है। इस जंगल में तेंदुओं की आबादी बहुत है। यहां प्रति 100 वर्ग किलोमीटर में तकरीबन नौ तेंदुए पाए जाते हैं। चीता भले ही सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है, किन्तु तेंदुए के मुकाबले चीता कमजोर होता है। तेंदुआ चीते से अधिक ताकतवर माना जाता है। कभी-कभी तेंदुए, चीतों पर हमला भी कर देते हैं। इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि चीते सुरक्षित रहें।

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