नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उससे संबंधित अन्य संगठनों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे पांच साल तक के लिए बैन कर दिया है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई नोटिफिकेशन में PFI के काले कारनामों को पूरा कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दिया गया है। बता दें कि दो दिन की छापेमारी के बाद PFI के कम से कम 250 लोगों को अरेस्ट किया गया था। NIA के छापेमारी में भी कई ऐसे सबूत मिले हैं, जिससे PFI के आतंकियों से ताल्लुक की पुष्टि होती है। PFI काफी समय से एजेंसियों के निशाने पर था। बता दें कि केंद्र सरकार ने PFI के सहयोगी संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। गृह मंत्रालय का कहना है कि PFI ने समाज के विभिन्न वर्गों, युवाओं, छात्रों और कमजोर वर्गों को टारगेट करने के लिए सहयोगी संगठन स्थापित किए हैं। इसका एकमात्र उद्देश्य प्रभाव और फंड एकत्रित करने की क्षमता को बढ़ाना है। PFI के आलावा बैन किए गए संगठनों में कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, रिहैब इंडिया फाउंडेशन, ऑळ इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कन्फेडेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइंजेशन, विमेंस फ्रंट, जूनियर फंर्ट, एंपावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन शामिल हैं। गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा है कि PFI के वैश्विक आतंकवादी समूहों जैसे कि ISIS से लिंक के सबूत मिले हैं। इससे जुड़ी संस्थाएं देश में असुरक्षा की भावना उत्पन्न कर कट्टरपंथ को बढ़ाने का कार्य कर रही हैं। PFI के संस्थापक कई सदस्य प्रतिबंधित संगठन SIMI के भी सदस्य रह चुके हैं। बता दें कि सिमी को भी सरकार इसी तरह की गतिविधियों के चलते प्रतिबंधित कर दिया गया था। PFI के काले कारनामे:- सरकार ने PFI के काले कारनामों के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि यह आतंकी मामलों में सामिल रहा है और देश के संवैधानिक प्राधिकार का अनादर करता है और बाहरी स्रोतों से फंड प्राप्त करके देश की आंतरिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने का कार्य कर रहा है। इसके अलावा यह भी पात चला है कि PFI हिंसक और विध्वंसक कार्यों में शामिल है। केरल में एक क्रिस्चियन कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काटना, अन्य धर्मों का पालन करने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की नृशंस हत्याएं करना, अन्य धर्मों के प्रमुख लोगों और स्थानों को निशाना बनाने के लिए विस्फोटक प्राप्त करना और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के सबूत मिले हैं। Koo App राष्ट्रवादी संगठन आरएसएस का स्वयंसेवक होने पर मुझे गर्व है। क्या दिग्विजय सिंह कह सकते हैं कि वह पीएफआई के सदस्य हैं? अगर नहीं कह सकते तो #PFI और संघ की तुलना क्यों? View attached media content - Dr.Narottam Mishra (@drnarottammisra) 28 Sep 2022 Koo App पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना आंतरिक सर्जिकल स्ट्राइक है। #MadhyaPradesh में #PFI से जुड़े 25 लोग गिरफ्तार किए गए हैं इनसे पूछताछ के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। View attached media content - Dr.Narottam Mishra (@drnarottammisra) 28 Sep 2022 Koo App टुकड़े-टुकड़े गैंग के समर्थक और जाकिर नाईक को शांति दूत बताने वाले दिग्विजय सिंह जी तुष्टिकरण की राजनीति के लिए #PFI पर हो रही कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं। भाजपा सरकार में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। View attached media content - Dr.Narottam Mishra (@drnarottammisra) 28 Sep 2022 सरकार ने बताया है कि कई लोगों की हत्या में भी PFI का हाथ रहा है। तमिनलनाडु के वी रामलिंगम, केरल के नंदू, कर्नाटक के आर रूद्रेश, प्रवीण पुजारी, तमिलनाडु के शशि कुमार और प्रवीण नेतारू हत्याकांड के पीछे भी PFI ही था। इसके अलावा PFI के सदस्य सीरिया, ईराक और अफगानिस्तान जाकर आतंकवादी संगठनों में भी शामिल हुए हैं। इसके अलावा PFI हवाला और डोनेशन के माध्यम से भारत में कट्टरपंथ फैलाने के लिए धन जुटा रहा है। आखिर क्या चाहता है PFI ? बता दें कि, कट्टरपंथी इस्लामी संगठन PFI भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने के लिए ‘मिशन 2047’ पर काम कर रहा है। बिहार पुलिस ने इस साजिश का भंडाफोड़ किया है। PFI 2047 तक भारत को मुस्लिम मुल्क बनाने की साजिश रच रहा है और PFI ने इसके लिए बाकायदा चार स्टेज में योजना बना रखी है। बरामद दस्तावेज में यह खुलासा हुआ है, जिसमे कट्टरपंथ संगठन का स्पष्ट कहना है कि 75 वर्ष पूर्व एक इस्लामिक मुल्क (पाकिस्तान) भारत से अलग हुआ और जब 2047 में भारत आजादी के 100 वर्ष मनायेगा, तब तक भारत पूरी तरह इस्लामिक राष्ट्र में बदल जाएगा। पुलिस ने बताया कि डॉक्यूमेंट में यह भी कहा गया है कि 10 फीसद मुसलमान ही मेजॉरटी को घुटनों पर बैठाने के लिए काफी हैं और यदि 10 फीसद मुसलमान PFI के साथ जुड़ जाएं, तो 2047 तक भारत को मुस्लिम मुल्क बनने से कोई रोक नहीं सकता। PFI ने बाकायदा अपने मिशन को कामयाब करने के लिए चार स्टेज में प्लान बना रखा है, जिसमें अधिक से अधिक मुस्लिमों को PFI से जोड़ना और देश के खिलाफ जंग करने जैसी बातें भी शामिल है। दस्तावेज में स्पष्ट लिखा हुआ है कि मुस्लिमों को एक करना है और हिन्दुओं में फूट डालना है। यही नहीं PFI मुसलमानों को मार्शल के तौर पर तैयार करेगी और फिर यह लोग मुसलमानों की मुखालफत करने वाले लोगों पर हमला करेंगे। चौथे चरण में PFI सत्ता हाथ में लेने का भी प्रयास करेगा और इसके लिए वह भारत से युद्ध करने के लिए भी तैयार है। PFI ने बताया है कि विश्व के इस्लामिक देश इस काम में उसे मदद भी देंगे। बता दें कि, कई आतंकी संगठन भी इसी मिशन पर काम कर रहे हैं, ऐसे में PFI और आतंकी संगठनों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। भगत सिंह ने खुद को क्यों कहा था 'नास्तिक' ? जम्मू कश्मीर में जैश के 3 आतंकी ढेर, बड़ी मात्रा में हथियार बरामद मोदी सरकार ने कट्टरपंथी संगठन PFI पर लगाया बैन, आतंकियों से ज्यादा खतरनाक थे मंसूबे