प्राचीन मिस्र में, 3000 ईसा पूर्व के आसपास, लोग पत्थर की पट्टियों और मिट्टी की टिकियों पर संदेश लिखते थे। प्राचीन चीन में, 1000 ईसा पूर्व के आसपास, लोग रेशम के कपड़े पर संदेश लिखते थे। प्राचीन रोम में, 500 ईसा पूर्व के आसपास, लोग लकड़ी की तख्तियों पर संदेश लिखते थे। मध्य युग में, लोग चर्मपत्र पर संदेश लिखते थे। आधुनिक युग में, कागज के आविष्कार के बाद, लोग कागज पर पत्र लिखने लगे। लेटर भेजने के कई कारण थे: दूरी पर संवाद करने के लिए: जब लोग एक दूसरे से दूर होते थे, तो वे पत्र लिखकर एक दूसरे से संपर्क में रहते थे। सूचना साझा करने के लिए: लोग पत्र लिखकर समाचार, घटनाओं और अन्य जानकारी साझा करते थे। व्यक्तिगत भावनाओं को व्यक्त करने के लिए: लोग पत्र लिखकर अपने प्रेम, स्नेह और अन्य भावनाओं को व्यक्त करते थे। औपचारिक दस्तावेजों के लिए: लोग पत्र लिखकर अनुबंध, समझौते और अन्य औपचारिक दस्तावेजों को तैयार करते थे। आज के समय में, टेलीफोन, इंटरनेट और अन्य संचार माध्यमों के आगमन के कारण, पत्र लिखने का चलन कम हो गया है। लेकिन, पत्र लिखने का अपना एक महत्व है। पत्र लिखने से व्यक्ति के विचारों और भावनाओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, पत्र एक स्थायी दस्तावेज होता है, जिसे बाद में यादगार के रूप में रखा जा सकता है। लेटर भेजने के लिए कबूतर को ही चुनने के कई कारण हैं: 1. दिशा-बोध: कबूतरों में दिशा-बोध की अद्भुत क्षमता होती है। वे अपने घर वापस लौटने का रास्ता ढूंढने में सक्षम होते हैं, भले ही वे बहुत दूर हों। यह उनकी आंखों में मौजूद क्रिप्टोक्रोम नामक प्रोटीन और उनके शरीर में मौजूद चुंबकीय कणों के कारण होता है। 2. गति: कबूतर तेज़ी से उड़ सकते हैं, लगभग 70 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से। यह उन्हें संदेशों को जल्दी से पहुंचाने में मदद करता है। 3. स्मरण शक्ति: कबूतरों में अच्छी स्मरण शक्ति होती है। वे लंबी दूरी की यात्रा करते हुए भी अपने रास्ते को याद रख सकते हैं। 4. पालतू बनाना: कबूतरों को पालतू बनाना आसान होता है। उन्हें प्रशिक्षित किया जा सकता है और उन्हें किसी निश्चित स्थान पर वापस लौटने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। 5. आकार: कबूतर छोटे होते हैं, जिसके कारण उन्हें ले जाने में आसानी होती है। 6. भोजन: कबूतरों को खिलाना आसान होता है। वे विभिन्न प्रकार के भोजन खा सकते हैं, जैसे कि अनाज, फल और कीड़े। 7. सुरक्षा: कबूतरों को शिकारियों से बचाना आसान होता है। वे छोटे और तेज़ होते हैं, और वे उड़ान भरते समय झुंड में उड़ते हैं। 8. लागत: कबूतरों को पालना और प्रशिक्षित करना अपेक्षाकृत सस्ता होता है। इन सभी कारणों से, कबूतर लेटर भेजने के लिए एक आदर्श पक्षी थे। लेकिन आज के समय में, टेलीफोन, इंटरनेट और अन्य संचार माध्यमों के आगमन के कारण, कबूतरों का उपयोग संदेश भेजने के लिए बहुत कम होता है। मूली: सिर्फ सलाद में ही नहीं, स्वास्थ्य के लिए भी है वरदान त्वचा भी पतली है? जानिए 6 कारण क्या आपको भी छोटी-छोटी बातों पर आ जाता है गुस्सा? तो करें ये 4 योगासन, मिलेगी राहत