लखनऊ : भ्रष्टाचारियों की एक खासियत है कि वे भ्रष्टाचार करने के नए -नए तरीके ईजाद करते रहते हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश का सामने आया है, जहाँ विधवा पेंशन के नाम पर चल रहे बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है. विधवा पेंशन में एक लाख से ज्यादा लाभार्थियों के आधार नंबर फर्जी पाए गए हैं. वहीँ करीब 15 हजार पेंशनधारियों के बैंक खातों में भी बड़ी गड़बड़ का पता चला है. बड़े स्तर पर हुए इस घोटाले की जाँच योगी सरकार ने डीपीओ को सौंप दी है. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार विधवाओं को पेंशन देने की योजना चलाती है, इस पेंशन के तहत 17.5 लाख महिलाओं को मदद दी जाती है. उन्हें 500 रुपए प्रति माह की मदद दी जाती है.हाल ही में सरकार ने सभी पेंशनधारियों से अपने खाते को आधार कार्ड से जोड़ने का आदेश दिया तो इस घोटाले का पता चला.सॉफ्टवेयर की जांच में पता चला है कि इसमें लाखों लोगों ने फर्जीवाड़ा कर रखा है. पेंशन के लिए जमा किए गए बिलों के आधार पर जाँच की गई तो पाया गया कि लाभार्थी सरकार से पेंशन के पैसे ले रहे थे. इनमें कई ऐसे भी थे जिनके आधार नंबर ही गलत थे, और कई तो जिन्दा भी नहीं थे, फिर भी पेंशन चालू थी. बता दें कि इतने बड़े पैमाने पर हुए इस घोटाले के बाद यूपी की योगी सरकार ने डीपीओ को जांच सौंपी है. डीपीओ जिला स्तर पर हर लाभार्थी की जांच करने के बाद रिपोर्ट पेश करेगा. इसलिए सभी संदिग्ध खाताधारकों को ब्लॉक कर दिया गया है. जाँच के बाद ही विधवा पेंशन जारी की जाएगी. जिसमें एक साथ तीन महीने का भुगतान किया जाता है. खास बात यह है कि यह फर्जीवाड़ा अधिकांशतः लाभार्थियों ने नहीं बल्कि सरकारी मिलीभगत से अधिकारी ही कर रहे थे. सरकार जल्द जाँच कर इस घोटाले के आरोपियों को पकड़ना चाहती है. यह भी देखें बुंदेलखंड में पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 5-5 करोड़ का आवंटन ईवीएम पर शबाना का आरोप निकला झूठ