कामरूप: असम के कामरूप जिले में सुपारी के बागान में भोजन की तलाश कर रहे दो बच्चों (हाथी के) सहित तीन जंगली हाथियों की शुक्रवार को बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई। यह घटना रानी वन रेंज कार्यालय के तहत पानीचंदा क्षेत्र में हुई। कामरूप पूर्वी प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी रोहिणी सैकिया ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि जंगली हाथियों का एक झुंड भोजन की तलाश में पास के जंगल से क्षेत्र में आया और तीन हाथी बिजली के तार के संपर्क में आ गए। कामरूप ईस्ट डिवीजन के DFO रोहिणी सैकिया ने कहा है कि, "यहां रानी रिजर्व फॉरेस्ट से सटे आज तीन हाथियों की बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई। मौत का कारण बिजली का झटका है और यह एक दुर्घटना है, जैसा कि हम प्रारंभिक जांच में देख सकते हैं।" उन्होंने कहा कि, “मादा हाथी दो बछड़ों के साथ बगीचे में आई और एक पेड़ को खींचने की कोशिश की, जिसके कारण पेड़ बिजली के तारों के संपर्क में आ गया, और उसे करंट लग गया। फिलहाल, हम पहले से ही इस मामले को देख रहे हैं और हम APDCL के भी संपर्क में हैं क्योंकि इसी तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। इसलिए, हमने पहले ही APDCL से अनुरोध किया था कि जहां भी बिजली के तार लटक रहे हैं, वहां छिपे हुए तार लगाए जाएं।" बता दें कि, 2017 की जनगणना के अनुसार, भारत में कर्नाटक के बाद पूर्वोत्तर राज्य असम में जंगली हाथियों की संख्या (5,719) दूसरे स्थान पर है। असम में हाथियों की मौत बिजली के झटके, जहर और ट्रेन दुर्घटनाओं के कारण हुई है। किसान अपनी फसलों को हाथियों से बचाने के लिए अक्सर बिजली की बाड़ का उपयोग करते हैं। इसी तरह की एक घटना में, 30 जून को असम के गोलपारा जिले में केले के बागान के पास एक जंगली हाथी मृत पाया गया था। वन विभाग की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और हाथी के चेहरे और धड़ पर क्षति के निशान पाए। किसानों पर आरोप है कि उन्होंने अपने केलों को हाथियों से बचाने के लिए बिजली का करंट लगाया, जिससे जानवर की मौत हो गई। 'सत्यमेव जयते..', राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगने से गदगद प्रियंका, ट्वीट कर कही ये बात लोकसभा में सेना से जुड़ा अहम विधेयक पारित, सेनाध्यक्षों को मिलेगी अतिरिक्त शक्ति 'ब्रिटिश सांसद को एयरपोर्ट पर हिरासत में लेना..', क्यों भड़के सुखबीर सिंह बादल ?