नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बार काउंसिल स्थापित करने के निर्देश देने के आग्रह संबंधी याचिका पर शुक्रवार को केंद्र और अन्य को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। बता दें कि शीर्ष अदालत, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बार काउंसिल की स्थापना के लिए केंद्र और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की बेंच ने एक वकील द्वारा दाखिल की गई याचिका पर कानून और न्याय मंत्रालय, बार काउंसिल ऑफ इंडिया तथा अन्य को नोटिस भेजा है। अदालत ने कहा है कि, 'हम नोटिस जारी करेंगे।' याचिका में आरोप लगाया गया है कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के वकीलों को बार काउंसिल नहीं दिया जाना, किसी सौतेले व्यवहार और पक्षपात से कम नहीं है। याचिकाकर्ता सुप्रिया पंडित ने अपनी याचिका में कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पूरी कानूनी बिरादरी के पास कोई सरकारी संस्था नहीं है, जहां वे अपना नामांकन दाख़िर कर सकें और देश के अन्य राज्यों की तरह बार काउंसिल का लाभ ले सकें। बता दें कि सुप्रिया पंडित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की वकील हैं। वकील ओम प्रकाश परिहार के जरिए दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के तहत हर राज्य में राज्य बार काउंसिल होनी चाहिए और इसलिए, जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए बार काउंसिल को प्रतिवादियों द्वारा नामंजूर नहीं किया जा सकता है। UP में हर परिवार का फैमिली कार्ड बनाएगी योगी सरकार, मिलेंगे ये लाभ कर्नाटक सरकार ने भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के खिलाफ एनआईए को सौंपी जांच 19 देशों में मुद्रास्फीति रिकॉर्ड स्तर पर, वैश्विक मंडी का खतरा बढ़ा