नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के "छेड़छाड़ किए गए वीडियो" पर एक शिकायत में एक FIR दर्ज की। दरअसल, एक एडिटेड वीडियो में शाह द्वारा अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षण खत्म करने का वादा किया गया था, जो फर्जी था। भाजपा ने दिल्ली पुलिस को बताया कि असली वीडियो अमित शाह द्वारा तेलंगाना में मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत "असंवैधानिक" आरक्षण को हटाने पर चर्चा करने का था, और इसे हाल के लोकसभा चुनाव के दौरान मुस्लिम आरक्षण को समाप्त करने की वकालत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री को गलत तरीके से चित्रित करने के लिए वीडियो एडिट किया गया था। शिकायतों के बाद दिल्ली पुलिस ने एक्स और फेसबुक को पत्र लिखकर उस अकाउंट के बारे में जानकारी मांगी जिसने इस फर्जी वीडियो को पोस्ट किया था। कांग्रेस की राज्य इकाइयों के आधिकारिक हैंडल सहित कई सोशल मीडिया हैंडल ने अमित शाह का ये फर्जी वीडियो साझा किया, जिसमें दावा किया गया कि भाजपा SC/ST आरक्षण को खत्म करने की तैयारी कर रही है। रविवार को ऐसे ही एक पोस्ट में झारखंड कांग्रेस ने ट्वीट किया कि, ''अमित शाह का चुनावी भाषण वायरल हो गया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर बीजेपी की सरकार दोबारा बनी तो ओबीसी और एससी/एसटी आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा।'' भाजपा नेता अमित मालवीय ने शनिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस एक एडिटेड वीडियो फैला रही है, जो पूरी तरह से फर्जी है और इससे बड़े पैमाने पर हिंसा होने की संभावना है। गृह मंत्री अमित शाह ने एससी/एसटी और ओबीसी की हिस्सेदारी कम करके धर्म के आधार पर मुसलमानों को दिए गए असंवैधानिक आरक्षण को हटाने की बात कही है। इसके बाद यह फर्जी वीडियो कई कांग्रेस प्रवक्ताओं द्वारा पोस्ट किया गया है, उन्हें कानूनी परिणामों के लिए तैयार रहना चाहिए।'' बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने मीडिया से कहा कि, ''हमें देश के अलग-अलग हिस्सों से शिकायतें मिल रही हैं और हम सुनिश्चित करेंगे कि इन सभी शिकायतों पर FIR दर्ज की जाए।'' बता दें कि, 2023 में तेलंगाना में विधानसभा चुनावों से पहले, अमित शाह ने दावा किया था कि तेलंगाना में 4 प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण "असंवैधानिक" था और वादा किया था कि, अगर राज्य में सत्ता में आए, तो भाजपा इस आरक्षण को समाप्त कर देगी और फिर से आरक्षण देगी। यह एससी, एसटी और ओबीसी के लिए है। अमित शाह ने कहा था कि, बाबा साहेब ने संविधान में सिर्फ जाति आधारित आरक्षण की बात कही है, धर्म आधारित नहीं। दरअसल, मुस्लिमों को देश में अल्पसंख्यक माना जाता है, उसके अनुसार उन्हें अल्पसंख्यक होने के भी लाभ मिलते हैं, अब कांग्रेस ने उन्हें एससी, एसटी और ओबीसी कोटे में से काटकर आरक्षण भी दे दिया है। वहीं, एससी, एसटी और ओबीसी को हिन्दू में गिना जाता है, यानी बहुसंख्यक, उन्हें केवल आरक्षण मिलता है, जो संविधान में जाति आधारित पिछड़ेपन को लेकर दिया गया है। उधमपुर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में VDG का सदस्य शहीद '75 की उम्र में एक और मौका मार रहे मोदी..', लालू की बेटी मीसा भारती ने प्रधानमंत्री पर साधा निशाना सिरोही में 12 किलो MD ड्रग्स जब्त, दो गिरफ्तार