क्या ख़त्म हो जाएगा EWS आरक्षण ? 13 सितम्बर से सुप्रीम कोर्ट में शुरू होगी सुनवाई

नई दिल्ली: सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (EWS) के लिए 10 फीसद आरक्षण के मामले में सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ 13 सितंबर को सुनवाई करेगी। मुख्य न्यायाधीश (CJI) यूयू ललित के नेतृत्व वाली 5 जजों की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण ने शीर्ष अदालत में आरक्षण मुद्दे का मसौदा पेश किया। ये मसौदा सभी पक्षकारों को दिया गया। शीर्ष अदालत ने कहा कि गुरुवार तक सभी पक्षकार अपने मुद्दे तैयार कर लें। सुप्रीम कोर्ट 8 सितंबर को फैसला करेगा कि मामले की सुनवाई किस तरीके से और कितने दिनों में की जाए।

CJI यूयू ललित, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट, न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति जेबी परदीवाला की संविधान पीठ इस मामले को सुनेगी। मंगलवार को वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने शीर्ष अदालत में कहा कि इस मामले में राज्यों की जरूरत होगी। कुछ राज्यों ने अभियोग आवेदन दाखिल किया है, जिस पर विचार किया जा सकता है। साथ ही राज्यों को नोटिस भेजा जा सकता है। वहीं CJI ललित ने कहा कि नोटिस जारी करने से प्रक्रिया में देरी हो सकती है। मगर, जो राज्य यहां है, हम उन्हें नहीं रोक सकते।

वहीं, सॉलिसिटर जनरल ने शीर्ष अदालत में कहा कि आपके सामने दो केस हैं। आर्थिक आरक्षण और दूसरा धार्मिक आधारित आरक्षण। आप शॉर्ट नोटिस जारी करने को लेकर विचार कर सकते हैं। CJI ने कहा कि हम तय किए गए क्रम के अनुसार ही चलेंगे। हम प्रत्येक राज्य को सुनना चाहते हैं। साथ ही एक आकलन करना चाहते हैं कि यदि हम सुनवाई अगले मंगलवार से शुरू करते हैं तो कितना वक़्त लगेगा।

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