नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने महिलाओं को हर महीने 1000 रुपए देने के अपने वादे की दिशा में कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना को मंजूरी दी है। गुरुवार को दिल्ली कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी दी, लेकिन इसके क्रियान्वयन में कई बाधाएं उभरकर सामने आ रही हैं। दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के तहत पहली किस्त महिलाओं के बैंक खातों में जमा होने में तीन महीने से अधिक का समय लग सकता है। इसके पीछे ऑनलाइन पोर्टल के निर्माण, उसकी टेस्टिंग और योजना के प्रबंधन के लिए इकाई (PMU) स्थापित करने जैसी प्रक्रियाएं हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री आतिशी ने PMU के लिए पद सृजित करने की बजाय किसी एजेंसी की नियुक्ति का सुझाव दिया है। इसके बावजूद, पोर्टल बनाने और संचालन प्रक्रिया शुरू होने में समय लगना तय है। अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि योजना की शुरुआत में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा। इस योजना के लिए प्रतिवर्ष 4,560 करोड़ रूपए का बजट आवंटित करना होगा। इसके अलावा, कर्मचारियों के वेतन, बुनियादी ढांचे और अन्य खर्चों पर 2.5 करोड़ रूपए की अतिरिक्त लागत आएगी। वित्त विभाग ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यह योजना दिल्ली को राजस्व और पूंजी खाते के घाटे में धकेल सकती है। वित्त विभाग ने यह भी तर्क दिया था कि इस योजना को बिना पर्याप्त अध्ययन के कैबिनेट में नहीं लाना चाहिए था। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग के दृष्टिकोण को बाधा के रूप में खारिज करते हुए योजना को मंजूरी दी। कैबिनेट ने योजना में कुछ संशोधन भी किए हैं। अब इस योजना का लाभ पाने के लिए वार्षिक आय सीमा 3 लाख रूपए होने की शर्त हटा दी गई है। इसके अलावा, महिला एवं बाल विकास विभाग को पंजीकरण और कार्यान्वयन प्रक्रिया में बदलाव करने की स्वतंत्रता दी गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी रैलियों में महिलाओं को हर महीने 1000 रूपए देने का ऐलान कर महिला वोटर्स को रिझाने की कोशिश की है। चूंकि दिल्ली में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीनों में होने वाले हैं, यह योजना केजरीवाल के लिए सियासी लिहाज से अहम हो जाती है। हालांकि, योजना की देरी और दिल्ली के सरकारी खजाने की तंग स्थिति इसे लागू करने में बाधा बन रही है। अब सवाल यह है कि AAP सरकार चुनाव से पहले इस योजना को लागू कर पाएगी या नहीं। अगर लागू करती भी है, तो इसका सियासी लाभ पार्टी को मिलेगा या नहीं, यह देखना दिलचस्प होगा। अधिकारियों का कहना है कि सरकार का लक्ष्य फरवरी तक पहली किस्त आवेदकों तक पहुंचाना है। लेकिन योजना के लिए जरूरी पोर्टल अभी तक तैयार नहीं हुआ है। इसके अलावा, चुनावी समयसीमा को देखते हुए आवेदन प्रक्रिया को जल्द शुरू करना और उन्हें आधार से जुड़े बैंक खातों के साथ सत्यापित करना एक बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना दिल्ली सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, लेकिन इसे लागू करने में कई वित्तीय और प्रशासनिक बाधाएं हैं। अरविंद केजरीवाल ने इसे चुनावी वादा बनाकर महिलाओं को आकर्षित करने की कोशिश की है। अब देखना यह है कि AAP सरकार इन चुनौतियों से कैसे निपटती है और क्या यह योजना वाकई चुनाव से पहले धरातल पर उतर पाती है। तमिलनाडु के निजी अस्पताल में भड़की भीषण आग, 7 लोगों की दुखद मौत, 20 झुलसे जब संसद पर पाकिस्तानी आतंकियों ने किया हमला, भरा नहीं है 23 साल पुराना जख्म HAL के साथ भारतीय वायुसेना ने की 13500 करोड़ की डील, मिलेंगे ये जबरदस्त लड़ाकू-विमान