खाली करना होगा शीशमहल, वेतन-भत्ते आधे..! इस्तीफे से केजरीवाल का बहुत कुछ बदल जाएगा

नई दिल्ली: दिल्ली में अब आतिशी को नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। मंगलवार को आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। यह कदम अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा के बाद उठाया गया। केजरीवाल ने कहा था कि वे तब तक मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहेंगे जब तक जनता उन्हें नहीं चुनती। आतिशी को अगले विधानसभा चुनाव तक, जो अगले साल फरवरी में होंगे, मुख्यमंत्री पद पर बने रहना है। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त होगा। आतिशी को केजरीवाल के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में गिना जाता है। वे पहली बार 2020 में विधायक बनी थीं और पिछले साल मंत्री नियुक्त की गईं, जब मनीष सिसोदिया शराब घोटाले के आरोप में जेल गए थे।

मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद केजरीवाल की सैलरी और भत्ते कम हो जाएंगे। पिछले साल दिल्ली में विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री की सैलरी और भत्तों में बढ़ोतरी की गई थी। विधायकों की बेसिक सैलरी ₹30,000 प्रति माह है, जो पहले ₹12,000 थी, और मंत्रियों व मुख्यमंत्री की बेसिक सैलरी ₹60,000 है, जो पहले ₹30,000 थी। अब मंत्रियों और मुख्यमंत्री को हर महीने कुल ₹1.70 लाख मिलते हैं, जिसमें बेसिक सैलरी, निर्वाचन भत्ता, सचिवालय भत्ता, सम्प्चुअरी अलाउंस और डेली अलाउंस शामिल हैं। विधायकों को ₹90,000 मिलते हैं, जिसमें बेसिक सैलरी, निर्वाचन भत्ता, सचिवालय भत्ता, यात्रा भत्ता और टेलीफोन भत्ता शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, विधायकों को सालाना केवल 40 दिन का डेली अलाउंस मिलता है।

मुख्यमंत्री को सरकारी गाड़ी और हेलीकॉप्टर की सुविधा के साथ हर महीने 700 लीटर पेट्रोल मुफ्त मिलता है। अगर वे अपनी निजी गाड़ी का उपयोग करते हैं, तो उन्हें ₹10,000 का भत्ता मिलता है। विधायकों को इस तरह की सुविधाएं नहीं मिलतीं, लेकिन उन्हें हर महीने ₹10,000 का भत्ता मिलता है। मुख्यमंत्री को ₹12 लाख तक का लोन गाड़ी खरीदने के लिए मिलता है, जबकि विधायकों को ₹8 लाख तक का लोन मिल सकता है। मुख्यमंत्री को हर महीने 5,000 यूनिट तक की मुफ्त बिजली मिलती है, जबकि विधायकों को 4,000 यूनिट तक की मुफ्त बिजली और पानी की सुविधा मिलती है।

मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद केजरीवाल को मुख्यमंत्री आवास को 15 दिन के भीतर खाली करना होगा, जो प्रोटोकॉल का हिस्सा है। दिल्ली में सीएम के लिए कोई अलग सरकारी आवास नहीं बनाया गया है; मुख्यमंत्री जिस बंगले में रहते हैं, उसे ही सीएम आवास का दर्जा दे दिया जाता है। केजरीवाल का शीशमहल इसके लिए काफी विवादों में भी रहा था, जहाँ उनपर 8 -8 लाख के परदे और करोड़ों के रंग रोगन करने का आरोप लगाया गया था। कांग्रेस का आरोप था कि, केजरीवाल ने आस-पास के 4 बंगलों को भी अपने शीशमहल में जोड़ लिया था। लेकिन अब उन्हें ये आवास खाली करना होगा। सालाना यात्रा की सुविधा के तहत विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री और उनका परिवार देशभर में ₹1 लाख तक की यात्रा कर सकते हैं।

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