मुंबई: राज्यसभा चुनाव में सियासी दलों के लिए एक-एक विधायक का वोट अहम होता है. हर बार राज्यसभा चुनाव में एक-एक वोट के लिए खींचतान देखने को मिलती है, जो इस समय भी जारी है. कहीं विधायकों को एक साथ रिसोर्ट में बंद किया जा रहा है, तो कहीं विधायकों को दूसरे राज्य में भेजा जा रहा है. एक-एक वोट सहेजने की इस कोशिश के बीच महाराष्ट्र के सत्ताधारी महा विकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) के दो विधायकों के वोट का फैसला अदालत को करना है. दरअसल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो विधायक अनिल देशमुख और नवाब मलिक इस वक़्त जेल में कैद हैं. पूर्व मंत्री अनिल देशमुख और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के लिए अदालत में याचिका दाखिल की है. दोनों ने ही न्यायालय से राज्यसभा चुनाव में मतदान की इजाजत देने की अपील की है. दूसरी ओर, प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने कहा है कि वे उनकी अपील का विरोध करेंगे. ED की तरफ से एडिशनल सॉलिसीटर जनरल अनिल सिंह, श्रीराम शिरसत और सुनील सुनील गोंजाल्वेज ने अदालत में पक्ष रखा. वहीं, अमित देसाई ने अनिल देशमुख की तरफ से दलीलें दी. अमित देसाई ने अनिल देशमुख और नवाब मलिक के मामलों की सुनवाई एकसाथ करने का आग्रह किया. अमित देसाई ने ये भी मांग की है कि जांच एजेंसी अपना जवाब शाम तक दायर कर दे, जिससे दिन में ही इस मामले की सुनवाई हो सके. अगर 'पैगम्बर' का अनादर करना ईशनिंदा, तो 'महादेव' का अपमान करना कैसे जायज़ ? बंगाल में अब ममता बनर्जी संभालेंगी गवर्नर का ये काम, कैबिनेट में पारित हुआ प्रस्ताव आज़म खान की पत्नी नहीं, बल्कि ये मुस्लिम नेता 'रामपुर' से लड़ेगा चुनाव.., सपा ने किया ऐलान