नई दिल्ली: रूसी हमले के बाद यूक्रेन से स्वदेश लौटे हजारों भारतीय मेडिकल छात्रों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कानून के अभाव में इन विद्यार्थियों को देश के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन नहीं दिया जा सकता है। केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल किए गए अपने हलफनामे यह जानकारी दी है। इसके अनुसार, अब तक राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (NMC) की तरफ से किसी भी भारतीय चिकित्सा संस्थान/विश्वविद्यालय में एक भी विदेशी मेडिकल छात्र को ट्रांसफर करने या शामिल करने की इजाजत नहीं दी गई है। केंद्र के हलफनामे के मुताबिक, विदेशी मेडिकल कॉलेज/यूनिवर्सिटी में पहले से चौथे वर्ष के बैच के ऐसे मेडिकल स्टूडेंट हैं, जो अपने संबंधित सेमेस्टर में भारतीय मेडिकल कॉलेजों में स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं। जहां तक ऐसे छात्रों का ताल्लुक है, भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 या राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग अधिनियम, 2019 के साथ-साथ मेडिकल स्टूडेंट्स को किसी भी संस्थान से शामिल या ट्रांसफर करने का कोई प्रावधान नहीं है। इसके साथ ही विदेशी चिकित्सा संस्थानों/कॉलेजों से भारतीय चिकित्सा कॉलेजों में स्थानांतरित करने के लिए ऐसा कोई प्रावधान मौजूद नहीं हैं। इसमें कहा गया है कि यूक्रेन में MBBS की पढ़ाई पूरी न कर पाने वाले स्टूडेंट्स के सहयोग के लिए NMC ने विदेश मंत्रालय ने नोटिस भेजा है। इसमें संकेत दिया गया है कि आयोग यूक्रेन की मूल संस्था की मंजूरी से अन्य देशों में बचे सिलेबस को पूरा करने वाले छात्रों के सर्टिफिकेट को स्वीकार करेगा। भारत की 6 लाख एकड़ जमीन का मालिक है Waqf Board ! अब हिन्दुओं के 18 गाँवों पर हुआ कब्जा क्या पी चिदंबरम ने गमले में उगाई थी करोड़ों की गोभी ? जमानत पर हैं कांग्रेस नेता अब कर्तव्यपथ पर गन्दगी नहीं फैला सकेंगे लोग, नगर निगम करेगा कड़ी कार्रवाई