पीएम मोदी ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए काफी दिनों पहले 21 दिनों का लॉकडाउन किया था. लॉकडाउन अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है, लेकिन कोरोना संक्रमण में किसी नरमी के संकेत नहीं मिलने के बीच सरकार इस मंथन में जुट गई है कि आखिर इससे बाहर आने का रास्ता कैसे बने. फिलहाल जो मेगा प्लान प्रस्तावित है उसके तहत सभी राज्यों को चार कैटेगरी में बांटा जाएगा और उसी हिसाब से अलग-अलग राज्यों या फिर जिलों में लॉकडाउन हटाने और सेवा शुरू करने के बारे में सोचा जा रहा है. फर्जी डॉक्टर बनकर आइसोलेशन वार्ड में घुस आए दो युवक, एक गिरफ्तार, दूसरा फरार आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इनमें ज्यादा एक्टिव कोरोना वाले इलाकों में लॉकडाउन से छूट नहीं दी जाएगी. लेकिन जिन राज्यों में पिछले सात दिन से कोरोना का कोई भी मामला सामने नहीं आया हो, वहां राहत मिल सकती है. नए केस आने की स्थिति में नए सिरे से प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं. ध्यान देने की बात है कि 24 मार्च की मध्यरात्रि से पूरे देश में तीन हफ्ते के लिए लागू लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल को समाप्त हो रही है. कोरोना पर रघुराम राजन का बड़ा बयान, सरकार को दे डाली बड़ी नसीहत कोरोना के बढ़ते मरीजों से यह तो तय है कि लॉकडाउन एक साथ खत्म नहीं होगा. कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा के बाद सोमवार को मंत्रियों के साथ चर्चा में भी प्रधानमंत्री ने यही संकेत दिया. सूत्रों के अनुसार, एक्जिट प्लान का जो ड्राफ्ट तैयार है उसके अनुसार राज्यों की कैटेगरी कोरोना ग्रसित लोगों की संख्या के आधार पर तय होगी. वहां प्रति 10 लाख जनसंख्या पर मरीजों की संख्या कितनी है. मानक का एक आधार यह भी होगा कि पिछले सात दिन में कोरोना का कोई केस सामने आया है या नहीं. अधिक जिलों वाले बड़े राज्यों और छोटे राज्यों के लिए मानकों में फेरबदल किया जाएगा. इन मानकों के आधार पर राज्यों को चार कैटेगरी में रखा जाएगा. कोरोना पर प्रियंका गाँधी का ट्वीट, कहा-इससे बचने का एक ही रास्ता मौलाना साद पर पुलिस का शिकंजा, क्राइम ब्रांच ने जारी किया दूसरा नोटिस रांची: हिंदपीढ़ी में मिला एक और कोरोना पॉजिटिव, इलाके में 'नो मूवमेंट आर्डर' जारी