क्या लालू के साथ राबड़ी-तेजस्वी को भी होगी जेल ? कौड़ियों के भाव ले ली लोगों की जमीन, CBI की चार्जशीट में दी 7 केस की डिटेल

पटना: नौकरी के बदले जमीन घोटाला यानी "लैंड फॉर जॉब (Land For Job Scam) मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ शिकंजा कस रहा है। दरअसल, केंद्रीय जाँच एजेंसी CBI ने लालू, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और उनकी कंपनियों के साथ साथ कई अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल कर दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे नौकरी के बदले जमीन अपने नाम करवाने के मामले में CBI ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में एक नई चार्जशीट फाइल की है। एजेंसी ने कोर्ट में कहा है कि आरोपितों ने घोटाले को एक अलग तरीके से अंजाम दिया था। इसलिए पुरानी चार्जशीट होने के बावजूद एक नई चार्जशीट दाखिल की गई है। CBI ने अपनी इस चार्जशीट में लालू यादव के साथ ही उनकी पत्नी, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, और उनकी कंपनियों और अन्य लोगों को आरोपित बनाया है। ऐसे में अब यह सवाल उठने लगा है कि, क्या लालू यादव के बाद उनकी पत्नी राबड़ी और बेटे तेजस्वी को भी जेल जाना होगा ? बता दें कि, लालू यादव भी चारा घोटाला मामले में जेल की सजा काट चुके हैं, हालाँकि, बीमार होने के नाम पर लालू अधिकतर समय जेल से बाहर अस्पताल में ही रहे थे। 

लैंड पर जॉब घोटाला (Land for job scam) क्या है और इसे कैसे आयोजित किया गया है, इसके बारे में हम विस्तार से बताएँगे। इस घोटाले में किन-किन लोगों को किस तरह से फायदा पहुंचाया गया और जांच एजेंसियों ने लालू और उनके परिवार पर किन-किन आरोप लगाए हैं, इस पर हम चर्चा करेंगे। यह बात कॉंग्रेस के नेतृत्व वाली UPA-1 के शासनकाल सन 2004-2009 के बीच की है, जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। बिहार में 15 साल तक सत्ता में रहने वाले लालू प्रसाद यादव उस सरकार में केंद्रीय रेल मंत्री थे। सन 2008 में रेलवे में नौकरी देने के बदले अभ्यर्थियों से रिश्वत के रूप में जमीन ली गई। यह जमीन पटना सहित अन्य स्थानों पर खरीदी गई। अभ्यर्थियों को रेलवे के ग्रुप-डी में नौकरी देने के लिए रेलवे ने कोई अधिसूचना जारी नहीं की थी। जिन लोगों ने जमीनें दीं, उन्हें तीन दिन के अंदर मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नौकरी मिल गई। जिन लोगों को नौकरी मिली, उनमें से कुछ लोगों ने फर्जी प्रमाण-पत्र का उपयोग भी किया।

CBI ने अपनी जांच में पाया है कि लालू यादव को पटना में 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन दी गई। इन जमीनों की खरीद में नकद भुगतान हुआ और उन्हें बेहद कम दाम पर खरीदा गया। लालू यादव और उनके परिजनों को 7 उम्मीदवारों की नौकरी के बदले में जमीनें मिलीं। इनमें से 5 जमीनों को बेच दिया गया, जबकि दो जमीनें उन्हें उपहार के रूप में दी गईं। इस घटना में, केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने अपनी जांच में खुलासा किया कि यह डील में लालू यादव ही नहीं, उनके व्यक्तिगत सहायक भोला यादव, पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती, और हेमा यादव जैसे कुछ उम्मीदवार भी शामिल हैं। इस मामले में CBI 2022 में भ्रष्टाचार के एक नए केस की दर्ज़ी किया था। 

मामला-1: जांच में CBI ने पाया कि फरवरी 2007 में पटना के निवासी हजारी राय ने अपनी 9527 वर्ग फुट जमीन को एके इन्फोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया। इस जमीन की कीमत 10.83 लाख रुपये थी। बाद में हजारी राय के दो भतीजे दिलचंद कुमार और प्रेमचंद कुमार को रेलवे में नौकरी मिली। CBI की जांच में यह बात सामने आई कि साल 2014 में एके इन्फोसिस्टम के सभी हक़ और संपत्तियाँ राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर चली गईं। साल 2014 में राबड़ी देवी ने इस कंपनी के अधिकांश शेयर ख़रीदे और इस कंपनी की डायरेक्टर बन गईं।

मामला-2: नवंबर 2007 में पटना की निवासी किरण देवी ने अपनी 80,905 वर्ग फुट जमीन को लालू यादव की बेटी मीसा भारती के नाम पर कर दिया। इस डील की कीमत सिर्फ 3.70 लाख रुपये थी। बाद में किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को मुंबई में नियुक्ति मिली।

मामला-3: इसी तरह, फरवरी 2008 में पटना के निवासी किशुन देव राय ने अपनी 3375 वर्ग फुट जमीन को राबड़ी देवी को बेच दिया। इस जमीन की कीमत 3.75 लाख रुपये थी। इसके बदले में किशुन राय के परिवार के तीन लोगों को रेलवे में नौकरी मिली।

मामला-4: इसी तरह, फरवरी 2008 में पटना के महुआबाग में निवासी संजय राय ने अपनी 3375 वर्ग फुट जमीन को राबड़ी देवी को बेच दिया। इस जमीन की कीमत 3.75 लाख रुपये थी। इसके बदले में संजय राय और उनके परिवार के दो सदस्यों को रेलवे में नौकरी मिली थी।

मामला-5: इसी तरह, मार्च 2008 में ब्रिज नंदन राय ने अपनी 3375 वर्ग फुट जमीन को ह्रदयानंद चौधरी को बेच दिया। इस डील की कीमत 4.21 लाख रुपये थी। इसके बाद ह्रदयानंद चौधरी ने यह जमीन लालू यादव की बेटी हेमा यादव को तोहफ़े में दे दी। ह्रदयानंद चौधरी को साल 2005 में हाजीपुर में रेलवे में नियुक्ति मिली थी।

मामला-6: मार्च 2008 में विशुन देव राय ने अपनी 3375 वर्ग फुट जमीन को सिवान के निवासी ललन चौधरी को बेच दिया। उसी साल ललन के पोते पिंटू कुमार को पश्चिमी रेलवे में नियुक्ति मिली। इसके बाद फरवरी 2014 में ललन चौधरी ने यह जमीन लालू यादव की एक और बेटी हेमा यादव को गिफ्ट कर दी।

मामला-7: इसी तरह, मई 2015 में पटना के निवासी लाल बाबू राय ने अपनी 1360 वर्ग फुट जमीन को राबड़ी देवी को बेच दी। इस डील की कीमत 13 लाख रुपये थी। CBI की जांच में पता चला कि साल 2006 में लाल बाबू राय के बेटे लाल चंद कुमार को रेलवे में नियुक्ति मिली थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, CBI की जांच में पता चला कि लालू यादव और उनके परिवार ने बिहार में 1.05 लाख वर्ग फीट की जमीन को सिर्फ 26 लाख रुपए में ख़रीदी थी। जबकि उस समय के सर्किल रेट के अनुसार उन जमीनों की कुल कीमत लगभग 4.40 करोड़ रुपए थी। CBI ने यह खुलासा किया कि जमीनों की ख़रीद के मामले में अधिकांश जमीनों के लिए नकद पैसे दिए गए थे।

CBI ने यह खुलासा किया कि 7 लोगों से करोड़ों रुपए की जमीनें ली गईं और 12 लोगों को नौकरी दी गई थी। इन जमीनों को या तो सीधे लालू परिवार को बेच दिया गया, उन्हें गिफ्ट किया गया या फिर अन्य लोगों के जरिए रूट करके अंत में लालू परिवार को मिल गई। ED की कार्रवाई ED ने शुक्रवार (10 मार्च 2023) को लालू यादव के करीबी लोगों के दिल्ली, मुंबई, नोएडा, रांची, गाजियाबाद और पटना में 24 स्थानों पर छापा मारा था। इन स्थानों में दिल्ली में स्थित तेजस्वी यादव के घर के साथ-साथ लालू यादव की तीन बेटियों- हेमा, रागिनी और चंदा के घर भी शामिल थे। ED ने लालू यादव के समधी जितेंद्र यादव के गाजियाबाद में स्थित आवास पर भी छापा मारा था।

लालू के समधी जितेंद्र यादव के आवास पर ED की कार्रवाई 16 घंटे तक चली। एजेंसी ने 3 बड़े बॉक्सों में कागजात भरकर उन्हें साथ ले जाया है। जितेंद्र यादव समाजवादी पार्टी (SP) के MLC रह चुके हैं और वे गाजियाबाद के RDC राजनगर इलाके में रहते हैं। वहीं, लालू के करीबी और RJD के पूर्व विधायक अबू दोजाना के घर पर छापेमारी के दौरान ED ने सेप्टिक टैंक की खुदाई भी की। लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने ED की कार्रवाई का वीडियो शेयर कर तंज कसा था कि, 'सेप्टिक टैंक की खुदाई से गैस मिली। चाय बनाने के लिए मोदी साहब के लिए भर-भर ट्रक ले गए हैं जमाई।'

प्रवर्तन निदेशालय ने 10 मार्च 2023 को रेड मारी, जिसमें दिल्ली के पॉश इलाके न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में तेजस्वी यादव के 150 करोड़ रुपए के मकान की जानकारी सामने आई है। कागजों में चार मंजिल वाले इस मकान की बिक्री की कीमत सिर्फ 4 लाख रुपए दर्ज की गई है। इसके अलावा, रेड के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने लालू यादव की बेटी और तेजस्वी यादव की बहन रागिनी यादव के घर पर करोड़ों रुपए कीमत के आभूषण और नकदी बरामद किए। रागिनी यादव के यहां से 54 लाख रुपए की नकदी और करोड़ों रुपए का 1.5 किलोग्राम आभूषण बरामद किए गए। 

ED ने कहा, "छापे में लगभग 600 करोड़ रुपए की आपराधिक आय वाली संपत्ति का पता चला है। इसमें 350 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति और 250 करोड़ रुपए के लेन-देन के रूप में है।" एजेंसी का कहना है कि इस पैसे का कुछ हिस्सा न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का मकान खरीदने में चला गया, जो मुंबई की कुछ आभूषण कारोबारी संस्थाओं के माध्यम से रूट किया गया। ED का यह भी कहना है कि लालू यादव के परिवार ने रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी के गरीब आवेदकों से सिर्फ 7.5 लाख रुपए में चार पार्सल जमीन ली गई थी। इसे राबड़ी देवी द्वारा 3.5 करोड़ रुपए के भारी लाभ के साथ आरजेडी के पूर्व विधायक सैयद अबू दोजाना को बेच दिया गया था।

CBI ने मई 2022 में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव, भोला यादव समेत लालू के करीबियों और परिजनों के ठिकानों पर छापेमारी की। इसके बाद CBI ने 24 अगस्त 2022 को RJD नेताओं के ठिकानों में फिर से छापेमारी की। CBI ने इस मामले में इस साल मई में लालू यादव, उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटियों मीसा यादव और हेमा यादव के अलावा नौकरी पाने के बदले में कम कीमत में जमीन देने वाले कुछ अयोग्य उम्मीदवारों समेत 16 लोगों को आरोपी घोषित किया था।

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